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राजनांदगांव के कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रधानमंत्री वन धन केन्द्र और नेशनल बीकिपिंग व हनी मिशन योजना के संबंध में बैठक में कहा कि इन योजनाओं से जुड़े सभी विभागों को जागरूकता के साथ समन्वित कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले में शहद उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करना जरूरी है। जिले में लाख, चिरायता और अन्य लघु वनोपज प्रचुर मात्रा में है। इनकी प्रोसेसिंग और मार्केटिंग लिंकेज से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।
कलेक्टर ने कहा कि इस कार्य में वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी व कृषि विज्ञान केन्द्र सम्मिलित रूप से कार्य करें। कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी सहयोग लें। बेहतर विजन के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे करें। वन धन केन्द्र में स्थानीय लोगों की सहभागिता होनी चाहिए। जिले में लाख बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। कृषि विभाग लाख उत्पादन के लिए किसानों को प्रशिक्षण दें।
जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने कहा कि शहद और मक्का की प्रोसेसिंग के साथ ही लाख संग्रहण को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा सकता है। कृषि महाविद्यालय के अविनाश गुप्ता ने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक होता है कि मधुमक्खी के लिए जुलाई-अगस्त में भोजन की व्यवस्था रहे। इसके लिए पोलन ट्रेप विधि से कार्य किया जा सकता है। इस कार्य के लिए एक साथ 500 परिवारों को प्रशिक्षित किया जा सकता है।
दंतेवाड़ा के प्रगति प्रयास संस्था के प्रतिनिधि ने मधुमक्खी पालन के संबंध में जानकारी दी। बैठक में वन मंडलाधिकारी राजनांदगांव एन गुरूनाथन, वन मंडलाधिकारी खैरागढ़ संजय यादव, एसडीएम मानपुर राहुल रजक, उप संचालक कृषि जीएस धुर्वे, सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र की डॉ. मोहनिसा जंघेल, उद्यानिकी वैज्ञानिक गुंजन झा, मां बम्लेश्वरी स्वसहायता समूह के शिव कुमार देवांगन उपस्थित थे।