Breaking News

शबे बराअत पर शुरू हुआ इबादत का सिलसिला

  • नमाज, दरूद ख्वानी व तकरीर सहित कई आयोजन होंगे

द सीजी न्यूज

भिलाई। शबे बराअत के मौके पर आज सुबह से मस्जिदों, घरों और कब्रिस्तान में इबादत का सिलसिला शुरू गया। कब्रिस्तान हैदरगंज इंतेजामिया कमेटी कैंप-1 की ओर से इस मौके पर कई आयोजन रखे गए हैं। कब्रिस्तान इन्तज़ामिया की ओर से साफ-सफाई, रंग रोगन व लाइटिंग का काम पूरा हो चुका है। यहां एक रोज़ा महफ़िल शब- ए- बराअत इमाम-ए-आज़म अबू हनीफ़ा कॉन्फ्रेंस में आलिमे दीन जुटेंगे। शहर की तमाम मस्जिदों और ईदगाह में भी रोशनी की गई है।
कब्रिस्तान के हॉल में रविवार सुबह 8 बजे से कुरआन ख्वानी व दुरूद ख्वानी का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह 9:30 बजे से फातिहा ख्वानी और इज्तेमाई दुआएं की गई। शाम को जलसे की शुरुआत तकरीर व नात से होगी। जलसे में किछौछा शरीफ से सैय्यद मुहम्मद नूरानी अशरफ खास तौर पर शामिल होंगे। नात व मनकबत के लिए मशहूर ओ मारूफ़ सना खां जहीरुद्दीन रहबर रायपुरी और शहर ए भिलाई के तमाम उलमाए कराम मौजूद रहेंगे।

निजामत नकीबे आजम छत्तीसगढ़ मौलाना गुलाम मोहियुद्दीन रज़वी फरीद नगर करेंगे और सदारत हाफिज व कारी मौलाना इकबाल हैदर अशरफी इमामो-खतीब जामा मस्जिद सेक्टर-6 करेंगे।  आयोजन कमेटी ने दोहराया है कि यह प्रोग्राम खालिम रूहानी व दीनी है। सियासत ए हाजरा से इस का कोई ताल्लुक नहीं है।

गुनाहों से बरी होने की रात है शबे बराअत : मौलाना इकबाल

शबे बराअत के आयोजन के बारे में जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम खतीब मौलाना मोहम्मद इकबाल अंजुम हैदर अशरफी ने बताया कि शब के मायने रात और बराअत के मायने बरी होने से है। शबे बराअत की रात बहुत बरकतों वाली और अल्लाह को राजी करने वाली होती है। हदीस में आया है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद (सअव) शबे बराअत में सऊदी अरब के जन्नतुल बकी (एक कब्रिस्तान) में जा कर दुआएं करते थे। उन्ही के रास्ते पर चलते हुए लोग शबे बराअत पर कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूम (दिवंगत) परिजनों की कब्र पर दुआएं करते हैं।

मौलाना अशरफी ने कहा कि यही वह रात है जब अल्लाह तआला रहमत के 300 दरवाजे खोल देता है और हर उस शख्स को बख्श देता है जिसने उसके साथ किसी को शरीक नहीं ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस रात लोग अपने तमाम छोटे-बड़े गुनाहों पर शर्मिंदा होकर अल्लाह की बारगाह में तौबा करें तो उसकी तौबा जरूर कुबूल होती है।

शाम की नमाज में भी होगी खास इबादत

जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम हाफिज व कारी इकबाल अंजुम हैदर ने बताया कि शबे बराअत पर शाम की नमाज (मगरिब) के बाद तीन मरतबा सूरए यासीन शरीफ सुनाया जाता है और 2-2 रकअत के साथ नफिल नमाज पढ़ी जाती है। इसके बाद दुआएं की जाती है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 में शाम को मगरिब की अजान शाम 6:05 बजे होगी। इसके बाद नमाज और इसके ठीक बाद सूरए यासीन सुनी जाएगी और लोग नफिल नमाज पढ़ेंगे। शहर की दूसरी मस्जिदों में भी यह आयोजन होगा।

Check Also

GATI के रूप में आर्थिक विकास का बजट है छत्तीसगढ़ का बजट

द सीजी न्यूज भिलाई सीए ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष सीए मिनेश जैन ने छत्तीसगढ़ राज्य …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *