- नदी किनारे अनावश्यक रूप से न जाएँ, उफनते नाले पार करने से बचें
- प्रशासन ने सुरक्षा बल तैनात किए, पर्यटकों और ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील
रायपुर। धमतरी जिले के प्रमुख बाँध रविशंकर सागर बांध (गंगरेल), मुरुम सिल्ली बाँध, न्यू रूद्री बैराज और सोंदूर बाँध में पूर्ण जल भराव हो चुका है। बीते दो दिनों में हुई लगातार वर्षा के कारण जलाशयों में अत्यधिक पानी की आवक हुई है, जिससे गेट खोलकर नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है।
कार्यपालन अभियंता ने बताया कि रविशंकर सागर बांध (गंगरेल) में रात के दौरान हुई भारी वर्षा के परिणामस्वरूप 27,000 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई है। जलाशय पूर्ण भराव स्तर पर पहुँच चुका है और रात में नदी में 27,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। समाचार लिखे जाने तक 14000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। परिस्थितियों के अनुसार इसे और बढ़ाया भी जा सकता है।
सोंदूर जलाशय से भी 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की बढ़ी हुई निकासी से नदी-नालों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इन परिस्थितियों में बाँध स्थलों और नदी किनारों पर भीड़ एकत्र होने और पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दुर्घटनाओं और जनहानि की संभावना बनी हुई है। जिला प्रशासन द्वारा आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक प्रमुख बाँध स्थल पर दो-दो सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यटकों और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आपातकालीन स्थिति में तत्काल नियंत्रण और सहायता भी उपलब्ध कराई जा सकेगी।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने जिलेवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे नदी किनारे अनावश्यक रूप से न जाएँ और उफनते नदी-नालों को पार करने का प्रयास बिल्कुल न करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, किंतु जन सहयोग भी उतना ही आवश्यक है
उन्होंने विशेष रूप से नदी किनारे बसे ग्रामवासियों को सचेत करते हुए कहा कि वे सतर्क रहें, बच्चों को जलाशयों एवं नालों के किनारे न जाने दें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है तथा परिस्थिति के अनुसार त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने जनता से अनुरोध किया है कि प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थिति में धैर्य बनाए रखें और प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें। सभी नागरिकों की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।