- 40 हजार रैपिड टेस्ट किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे
- सेक्टर-4 और सुपेला अस्पताल पहुंचे प्रिंसिपल सेक्रेटरी
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
दुर्ग जिले में डेंगू पर नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति बनाई गई है। आज स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि जियो टैगिंग जैसी तकनीक के साथ ही परंपरागत तरीकों से डेंगू के रोकथाम के लिए कार्य किया जाएगा। अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ होगी और इसकी निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। डेंगू पेशेंट्स के लिए प्लेटलेट्स आदि के इंतजाम के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने डेंगू प्रभावित क्षेत्रों सेक्टर-4 और छावनी का निरीक्षण भी किया और यहां लोगों से कहा कि सजग रहकर डेंगू की रोकथाम की जा सकती है। इस दौरान एनआरएचएम एमडी डॉ प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, नगर निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी भी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव ने डेंगू के हॉटस्पॉट इलाकों में निगम अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया।
निगम अधिकारियों ने बताया कि फागिंग और टेमीफोस का वितरण किया जा रहा है। कूलर आदि की जांच की की जा रही है। डॉ. शुक्ला ने कहा कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। यह बेहद जरूरी है कि साफ पानी का जमाव कहीं भी न होने दिया जाए। डेंगू से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर रणनीति बनाने के निर्देश दिये। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि सघन मॉनिटरिंग की जा रही है।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि जियो टैगिंग जैसी तकनीक से हॉटस्पॉट में कार्य करना बेहतर होगा और इससे अधिकाधिक मरीजों की पहचान हो सकेगी। जिले को 40 हजार टेस्टिंग किट भी प्रदान किए जाएंगे। अधिकाधिक संख्या में लोगों की टेस्टिंग कर डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।
मीटिंग में डॉ. आलोक शुक्ला ने जियो टैगिंग के द्वारा डेंगू मरीजों के स्पाॅट मैपिंग के निर्देश दिए। इसके लिए छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट में एक सेक्शन में डेंगू के लक्षण से ग्रसित कोई भी व्यक्ति अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर के साथ अपने आपको जियो टैग कर सकता है। लक्षण के आधार पर मलेरिया, डेंगू और हेपेटाइटिस तीनों के विकल्प उपलब्ध हैं। जानकारी देने वाले व्यक्ति को अपने लक्षण के आधार पर तीनों में से एक विकल्प को चुनना है। इसके बाद यह डाटा स्वास्थ्य विभाग में रिफ्लेक्ट होगा। इस डाटा से संबंधित व्यक्ति का डिटेल लेकर लैब टेक्नीशियन वहां पहुंचेंगे और सैंपल लेकर टेस्टिंग करेंगे। टेस्टिंग में रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर लोगों को आइसोलेट कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसमें एसएमएस अलर्ट सिस्टम भी रखा जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में डेंगू नियंत्रण करने जनता से लगातार आसपास के स्थानों में जल इकट्ठा ना होने देने की अपील करना होगा। जल जनित रोगों से बचाव के लिए वाटर सप्लाई सिस्टम में पानी की टेस्टिंग विभिन्न स्तरों में करना होगा ताकि सभी को स्वच्छ पानी मिल सके। लार्वा मिलने पर आसपास के क्षेत्र को चिन्हित कर लार्वा नष्ट करने का कार्य किया जाए।