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नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में महिलाओं को रोजगार और आय का जरिया उपलब्ध कराने नवा गारमेण्ट फैक्ट्री डेनेक्स से सैकड़ों महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विकास कार्याें के लोकार्पण-भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम में नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री डेनेक्स की दूसरी यूनिट का बारसूर में लोकार्पण किया। दंतेवाड़ा डेनेक्स फैक्ट्री से सफेद अमचुर की पहली खेप और एक करोड़ 20 लाख रुपए के रेडीमेड वस्त्रों की खेप बैंगलोर रवाना की।
मुख्यमंत्री ने डेनेक्स फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाओं से वर्चुअल चर्चा करते हुए उनके हौसले की तारीफ की। दंतेवाड़ा जिले में रहने वाली अंजू यादव ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके गांव हारम में 31 जनवरी 2021 को नवा गारमेण्ट फैक्ट्री डेनेक्स का उद्घाटन हुआ था। उन्हें ट्रेनिंग के बाद काम मिला। इससे पहले वे घर पर ही सिलाई का काम करती थी जिससे महीने में मात्र 2 हजार रुपए ही कमा पाती थी। अब फैक्ट्री खुलने से उन्हें हर महीने 7000 रुपये की आमदनी प्राप्त हो रही है।
वे गारमेण्ट फैक्ट्री में नई डिजाईन के सूट, प्लाजो, शर्ट, पेंट, जैकेट व अन्य सभी प्रकार के वस्त्र तैयार कर अपना हुनर बढ़ा रही हैं। फैक्ट्री द्वारा कपड़े सिलाई कर अब तक 3 करोड़ 50 लाख के कपड़े तैयार कर बैंगलोर भेजे गए हैं जिससे फैक्ट्री में काम कर रही महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
गीदम विकासखंड के हारम ग्राम पंचायत में नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री के नाम से वस्त्र उद्योग की पहली यूनिट चार माह पहले शुरू की गई थी, जहां दो पाली में 300 परिवारों को रोजगार दिया जा रहा है। शुरुआत में महिलाओं को कटाई, सिलाई, फिनिशिंग, पैकेजिंग का 45 दिन का प्रशिक्षण दिया गया। फैक्ट्री में तमाम आधुनिक तकनीकों से काम किया हो रहा है।
फैक्ट्री में कार्यरत लोगों के लिए प्रशिक्षण रूम, किचन, डाइनिंग रूम, रेस्ट रूम, प्राथमिक उपचार केन्द्र, बच्चों के खेलने के लिए रूम, गार्डन, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। फैक्ट्री में सफेद अमचुर भी तैयार किया जा रहा है। नवा दंतेवाड़ा गारमेंट्स फैक्ट्री में कपड़े, छिंद रस से निर्मित गुड़ पैकेट, जैविक अनाज, कड़कनाथ मुर्गी और आरओ वाटर फिल्टर भी महिलाएं तैयार कर रही हैं।