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वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने कहा है कि जिला प्रशासन रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई सुनिश्चित करे। लोगों को इसके लिए भटकाव की स्थिति नहीं बनना चाहिए। कोरोना के लगातार बढ़ते आंकड़ों के बीच 13 तारीख को दुर्ग जिले में 1138 रेमडेसिविर वॉयल भेजी गई थी। प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार वॉयल भेजने के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिए गए हैं। जीवन रक्षक इंजेक्शन को सेक्टर 9 और जिला अस्पताल सहित सभी प्राइवेट कोविड केयर सेंटर को वितरित किया गया है। साथ ही जन औषधी केंद्रों में भी इसकी सप्लाई की गई है। इसके बावजूद हालत ये है कि जिन अस्पतालों को सप्लाई की गई है उन्ही अस्पतालों की पर्ची लेकर मरीजों के परिजन भटक रहे हैं।
लोगों के भटकाव को लेकर वरिष्ठ विधायक अरूण वोरा ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से निजी अस्पतालों में आपूर्ति के अलावा शासकीय सेंटरों में सीजीएमएससी के माध्यम से मांग के अनुरूप सीधी सप्लाई आती है। इसके बावजूद जनता को क्यों भटकना पड़ रहा है? वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के त्वरित निर्णय के बाद उच्च अधिकारियों द्वारा मैन्युफैक्चरर कंपनियों से सीधे संपर्क कर जीवन रक्षक दवा की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है कि अफवाहों में ना पड़ कर डॉक्टरी सलाह पर चलें। गंभीर मरीजों को ही रेमडीसीविर दवा की आवश्यकता पड़ती है।
वोरा ने कहा कि सोशल व अधिकृत ऑडिटिंग के अभाव में इसकी कालाबाजारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसे रोकने और इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने ठोस कदम उठाने की जरूरत है। शीघ्र ही उच्च अधिकारियों से चर्चा कर हर जरूरतमंद को दवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। निजी अस्पतालों में भेजी जा रही रेमडीसिविर उन अस्पतालों में मरीजों को निर्धारित दर पर लगाई जानी चाहिए। इसके लिए जिम्मेदार नोडल नियुक्त किया जाना चाहिए।