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विधायक अरुण वोरा ने कहा है कि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बीच लगाए गए लॉकडाउन के कारण घरेलू बिजली मीटरों की रीडिंग न होने से औसत बिजली बिल उपभोक्ताओं को भेजा गया है। यह साल भर के बिजली बिल के औसत के आधार पर जनरेट किया जाता है। अब रीडिंग शुरू होने पर उसी आधार पर बिल के साथ ही औसत बिल का ना सिर्फ समायोजन हो जाएगा, बल्कि दोनों माह के लिए अलग-अलग 400 यूनिट तक बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ भी लोगों को मिलेगा।
वोरा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बिजली बिल ज्यादा आने की शिकायत आम जनता ने की है। इस संबंध में वोरा ने विद्युत कंपनी के मुख्य कार्यालय में अधीक्षण अभियंता सतीश कुमार वर्मा से चर्चा की और बिजली बिल को लेकर नागरिकों की शिकायतों के संबंध में जानकारी मांगी। अधीक्षण अभियंता से चर्चा के बाद वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ कोरोना काल के दौरान रीडिंग न होने के बाद भी युक्तियुक्तकरण के माध्यम से जनता को मिलेगा।
वोरा ने कहा कि देश के अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में जहां भारी भरकम बिजली बिल से लोगों का बजट बिगड़ गया है। कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली की कम दरों और हाफ बिजली बिल योजना के कारण लॉकडाउन के समय में आम जनता को आर्थिक रूप से काफी राहत मिली है। वोरा ने बरसात के मौसम को देखते हुए पोल और बिजली के तारों में आने वाले पेड़ की शाखाओं की छंटाई व मेंटेनेंस कार्य पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। वोरा ने कहा कि सरप्लस बिजली होने के बावजूद बिजली की आंखमिचौली से जनता को परेशान न होने देने सभी जरूरी व्यवस्थाएं होना चाहिए। चर्चा के दौरान एल्डरमैन राजेश शर्मा, अंशुल पांडेय, संजू धनकर, आयुष शर्मा, गौरव उमरे, मोहित वालदे मौजूद थे।