- छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के कांस्टेबल मनोज प्रसाद ने अपने जज्बे और लगन से दिया गजब का प्रशिक्षण, ओलिंपिक मैडल जीतने का सपना
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ … बेहद दुर्गम इलाका … बुनियादी सुविधाओं से बहुत दूर … मगर, इसी इलाके से 10 मल्ल खम्ब खिलाड़ियों का चयन खेलो इंडिया के लिए हुआ है। 18 साल से कम उम्र के इन बच्चों ने अपने कोच की लगत और मेहनत से कदमताल मिलाते हुए कड़ा परिश्रम किया। छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के मनोज प्रसाद की अनूठी ललक ने इन 10 बच्चों को देश के खेल नक्शे में खड़ा कर दिया।
जिस अबूझमाड़ के लोगों ने कभी राजधानी रायपुर की सड़कें भी नहीं देखी, उसी इलाके के 10 बच्चे हरियाणा जाएंगे। खेलो इंडिया प्रतियोगिता के लिए इन बच्चों का चयन हुआ है। इन बच्चों ने छत्तीसगढ़ में मल्ल खंभ खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया है, लेकिन मंजिल कहीं और है … बेहद ऊंची मंजिल … नजरें ओलिंपिक खेलों पर है … सपना ओलिंपिक मैडल जीतने का है।
न सिर्फ नारायणपुर जिले के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए 10 बच्चों का चयन खेलो इंडिया के लिए होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। इन खिलाड़ियों के कोच मनोज प्रसाद की लगन भी गजब की है। नक्सलियों की मांद कहे जाने वाले अबूझमाड़ में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 16 वीं बटालियन में कांस्टेबल पद पर पदस्थ मनोज प्रसाद ने इन खिलाड़ियों को मल्ल खंब खेल की प्रैक्टिस कराने कई सुविधाओं का इंतजाम किया। मनोज इन खिलाड़ियों को अपने घर पर साथ रखते हैं। भोजन, रहने के साथ खेल की बारीकियां सिखाने का जज्बा उन्हें सुकून देता है।
इन बच्चों को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने में शासन-प्रशासन का भी सहयोग रहा। नारायणपुर के कलेक्टर धर्मेश साहू ने कोच मनोज प्रसाद की मेहनत और लगन को नई ताकत दी। इन खिलाड़ियों के हौसले को पंख दिए। कलेक्टर ने खिलाड़ियो को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई। खेल सामग्री प्रदान कर सहयोग भरे हाथ बढ़ाए। नतीजा सामने है … 10 बच्चे कामयाबी का शिखर छूने की कोशिश में जुट गए हैं।
गजब का जज्बा … गजब का जोश
इन बच्चों के कोच मनोज प्रसाद की मेहनत और लगन के कारण ही सुदूर जंगल में रहने वाले बच्चों का चयन खेलो इंडिया प्रतियोगिता के लिए हो पाया है। मूल रूप से एथलेटिक्स के खिलाड़ी रहे मनोज प्रसाद ने 2016 में बस्तर एरिया के बच्चों को मल्लखंब खेल में पारंगत करने की ठानी। खेल से जुड़ी बारीकियां पहले खुद सीखते रहे। लगातार प्रैक्टिस की।
इसके बाद अबूझमाड़ इलाके में आश्रम, छात्रावास में रहने वाले बच्चों को मल्लखंब खेल में पारंगत करने का मिशन शुरू हुआ। 2019 तक मल्लखंब खेल में छत्तीसगढ़ के नाम कोई उपलब्धि नहीं थी। मनोज प्रसाद की अथक मेहनत के कारण मार्च 2020 में 32 वीं राष्ट्रीय मल्ल खंब प्रतियोगिता में पहली बार छत्तीसगढ़ का नाम उभरा। प्रतियोगिता में अबूझमाड़ के 8 बच्चों ने गोल्ड मैडल जीतकर पूरे देश को चौंका दिया। इन बच्चों ने महाराष्ट्र और एमपी के खिलाड़ियों के दबदबे को शिकस्त देकर जीत दर्ज की।