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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के सभी 45 लाख 48 हजार ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2023 के अंत तक उनके घरों में मुफ्त नल कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल प्रदाय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य इस लक्ष्य को हर हाल में निर्धारित समयावधि में पूरा करेगा। घर-आंगन में नल से जल आपूर्ति का सबसे ज्यादा लाभ हमारी माता-बहनों को मिलेगा। उन्हें पानी का इंतजाम करने काफी परिश्रम करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक 5 लाख 66 हजार घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया है। शेष घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए धन राशि की कमी नहीं होगी। इस साल राज्य बजट में घरों तक नल कनेक्शन के माध्यम से पानी पहुंचाने के लिए 850 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इस साल 22 लाख से अधिक परिवारों को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल आपूर्ति का काम पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में जल जीवन मिशन के तहत 16 जिले में 238 करोड़ 56 लाख 86 हजार रुपए की लागत से 658 कार्यों के भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इन योजनाओं के माध्यम से 65 हजार 396 घरों में नल कनेक्शन दिए जाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा करने के लिए लोगों तक स्वच्छ जल उपलब्ध कराना जरूरी है। ग्रामीण अंचलों में जल जनित रोगों से लोगों की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से इस समस्या से निजात मिलेगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों के अलावा शालाओं, आंगनबाड़ी केन्द्रों और सार्वजनिक स्थानों में भी रनिंग वाटर की व्यवस्था की जाएगी। घरों तक पानी पहुंचने से घरों में बने शौचालयों का उपयोग भी लोग करने लगेंगे।
बघेल ने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण घरों या उनके आसपास के स्थानों में खाली जगह उपलब्ध होने पर वहां पेड़-पौधों का रोपण किया जाए। घर के गंदे पानी का उपयोग घर और बाड़ी में लगे पेड़-पौधों की सिंचाई हो सकेगी। घरों में सोख्ता गड्डा बनाएं और गांव की गलियां चौड़ी होंने पर नाली की व्यवस्था भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति के मान से हर घर में 55 लीटर पानी प्रतिदिन पहुंचाने से भूमिगत और सतही जल स्त्रोतों पर दबाव बढ़ेगा। पानी की सतत आपूर्ति बनाए रखने के लिए वाटर रिचार्जिंग की व्यवस्था करना जरूरी है। जल संग्रहण संरचनाओं का संधारण भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश में चलाए जा रहे नरवा प्रोजेक्ट के कामों को गति प्रदान करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे भूमिगत और सतही पानी की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जिन नदी-नालों में रेत ज्यादा है, वहां मिट्टी का डाईकवॉल बनाकर पानी को रोका जाए। इससे पेयजल, सिंचाई और उद्योगों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक सत्यनारायण शर्मा और बृहस्पति सिंह, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, विधायक धनेन्द्र साहू, अनिता योगेन्द्र शर्मा, अरूण वोरा, विक्रम मण्डावी, प्रकाश नायक, लालजीत सिंह राठिया, उत्तरी जांगड़े, चक्रधर सिंह सिदार, अनुप नाग ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत वर्चुअल रूप से शामिल हुई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने रायपुर निवास कार्यालय परिसर से जल जीवन मिशन के प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के कार्यों के प्रचार-प्रसार के लिए इन वाहनों को रवाना किया गया है। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।