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फाइनेंसर पीड़ित संघ छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी आज दुर्ग में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से मुलाकात करने उनके कार्यालय पहुंचे। संघ के संयोजक अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि संघ के सदस्य आरपी मिश्रा को बार-बार परिवहन विभाग द्वारा नोटिस देकर जबरन वाहन के नामांतरण के लिए परेशान किया जा रहा था,, जबकि फाइनेंस कराने के बाद वर्षों तक किस्त काटने के बावजूद आर पी मिश्रा को उनका वाहन नहीं मिला। चोलामंडलम कंपनी ने उक्त वाहन को फर्जी तरीकों से बेच दिया है।
चोलामंडलम कंपनी की कारगुजारियां बताते हुए संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि राघवेंद्र प्रसाद पाठक को एक चोरी का वाहन चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा गुमराह करके बेच दिया गया। परिवहन विभाग भी उस वाहन के संपूर्ण कागजात दिलाने में असमर्थ है। चोलामंडलम कंपनी के लोग जबरन दबाव डालकर किस्त जमा करने की मांग कर रहे हैं। गाड़ी छीन कर बेचने और नामांतरण की धमकी दे रहे हैं।
सतीश त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय परिवहन विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में मिलीभगत करके गलत तौर तरीकों से चोलामंडलम कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रश्रय दे रहे हैं। इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों पर आपराधिक मामला बनाया जा सकता है। इन मामलों पर चर्चा करने आज संघ के पदाधिकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पहुंचे थे। पदाधिकारियों ने बताया है कि ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें चोलामंडलम कंपनी अवैध तौर तरीकों से लोगों को परेशान कर रही है। प्रतिनिधिमंडल में संतोष विश्वकर्मा, दीपक चनपुरिया, आर पी मिश्रा, रामचरण साहू,ओंकार ताम्रकार शामिल थे।