- पहले विधायकों और सांसदों के अंशदान सार्वजनिक किया जाए
- बैज पर भी साधा निशाना
द सीजी न्यूज
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सभी जिला कांग्रेस कमेटियों को जारी किये गए फरमान को लेकर तीखा विरोध शुरू हो गया है। पीसीसी ने निर्देश जारी कर कहा है कि पार्षद पद के दावेदार पांच माह का मानदेय जमा करें। नगर निगम दुर्ग के पूर्व नेता प्रतिपक्ष देव कुमार जंघेल ने इसे अनुचित बताते हुए जारी निर्देश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
जंघेल ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले अधिकांश कांग्रेस कार्यकर्ता साधारण परिवार से आते हैं। कुछ तो बीपीएल कार्डधारी भी होते हैं, जिनके लिए एकमुश्त 75 हजार रुपये की राशि जमा करा पाना असंभव है। ऐसे में सिर्फ साधन संपन्न लोग ही टिकट की दावेदारी कर पाएंगे और टिकट भी पा जाएंगे। भले ही वे चुनाव हार जाएं लेकिन उन्हें कांग्रेस की टिकट दे दी जाएगी।
दूसरी ओर जनता से जुड़े गरीब कार्यकर्ता चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे। जंघेल ने कहा कि पार्षद पद के उम्मीदवारों के मानदेय पर आंख गड़ाना अनुचित है। पार्षद सीधे आम जनता से सरोकार रखते हैं। उनके दुख सुख में शिरकत करते हैं। जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद करते हैं। उनके मानदेय का एक बड़ा हिस्सा तो चंदा देने में ही चला जाता है।
जंघेल ने कहा कि ऐसी हालत में उनके पांच माह का मानदेय पार्टी फंड में जमा करने का फरमान अव्यवहारिक है। पार्टी को पहले विधायकों और सांसदों के अंशदान की सूची जारी करनी चाहिए, जिन्हें लाखों का मानदेय मिलता है। जंघेल ने कहा कि भाजपा नगरीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशियों की हरसंभव मदद करती है। चुनाव प्रचार सामग्री के अलावा नगद राशि भी चुनाव लड़ने के लिए देती है, जबकि कांग्रेस पार्टी कोई मदद नहीं करती, अब उनसे मोटी रकम की उगाही करने जा रही है। ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
जंघेल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बैज का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। उन पर पैसे लेकर पद बांटने तक के आरोप लगे हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा चुनाव हारी है और अब लगता है कि इस तरह के तुगलकी फरमान के चलते कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ सकता है।