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मरवाही का फैसला हो गया। यहां की जनता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच, नीतियों और कार्यक्रमों पर अपने समर्थन की मुहर लगा ही दी। पिछले कई दशकों से एक परिवार ने इस क्षेत्र में विकास के नाम पर जिस तरह केवल भावनात्मक खिलवाड़ किया। राजनीति की रोटियां सेंकी, उस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विकास का मुद्दा भारी पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों और कार्यक्रमों की जीत है। यहां भाजपा प्रत्याशी की पराजय भाजपा के साथ-साथ जोगी परिवार के दांव पेंच और फरेब की राजनीति की हार भी है।
लगभग 20 साल तक मरवाही में एकतरफा चुनाव जीतते रहे जोगी परिवार ने इस क्षेत्र का विकास नहीं किया। बेहद अविकसित गांवों और बेहद गरीबी झेल रहे यहां के बाशिंदों ने बार-बार एक ही परिवार पर भरोसा किया। यह सोचकर कि शायद … इस बार क्षेत्र के विकास की नैय्या पार लगेगी। शायद … मरवाही के विकास के साथ-साथ यहां की जनता भी तरक्की के रास्ते पर चल पड़ेगी। शायद यहां की गरीबी दूर होगी। शायद … कच्ची सड़कें, अविकसित इलाकों की तस्वीर बदलेगी। मगर हर बार एक ही नतीजा … मरवाही की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ … आम जनता की बजाय खुद का विकास … सिर्फ अपने परिवार का विकास …
दो साल से भी कम समय के कार्यकाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के साथ साथ मरवाही की जनता का विश्वास भी जीत लिया। गौरेला-पेंड्रा- मरवाही को जिले का दर्जा देकर जनता का दिल जीतने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला बनाने की घोषणा के साथ ही यहां जिस तेजी से विकास कार्यों की शुरुआत की, उससे क्षेत्र के मतदाताओं में विश्वास जागा है। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति जागे विश्वास की चमक मतदाताओं के चेहरे पर साफ दिखी। न्याय मांगने निकले जोगी परिवार को जनता ने नकार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर कांग्रेस की जीत के कई मायने हैं। राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग तरीकों से इसका विश्लेषण करेंगे। मगर, सौ बात की एक बात है … यह चुनाव सिर्फ और केवल सिर्फ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रति आम जनता के विश्वास की जीत है। चुनाव जीतने के बाद पूरे प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी, 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, हाफ बिजली बिल, एपीएल को सस्ते राशन, आदिवासियों से समर्थन मूल्य पर 31 वनोपजों की खरीदी, हाट बाजार क्लिनिक, सुपोषण अभियान जैसी दो दर्जन से ज्यादा कल्याणकारी योजनाओं ने पूरे प्रदेश की जनता का मन मोह लिया है।
वास्तव में, मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस की शानदार विजय एक सबक भी है – वादाखिलाफी, झूठ, छल, फरेब की राजनीति ज्यादा दिनों तक नहीं चलती… इसका अंत होता ही है।
विकास से कोसों दूर पिछड़ा इलाका कहे जाने वाले मरवाही की आम जनता ने यह सबक सिखा दिया है।