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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कड़े निर्देशो के बाद रायपुर में कोविड से निपटने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन देश के सबसे बड़े एपीसेन्टर में शामिल दुर्ग जिले में कछुआ चाल से काम हो रहा है। रायपुर में आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बीएड की पर्याप्त व्यवस्थाएं और जांच व वेक्सिनेशन के काम में भी तेजी आ गई है। दुर्ग में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का महकमा इस आपदा से निपटने में सक्षम साबित नहीं हो पा रहा है।
रायपुर जिले में कोरोना के प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण की दृष्टि से मेडिकल काॅलेज, एम्स, आयुर्वेदिक काॅलेज, लालपुर और माना में कोविड केयर सेंटर संचालित हैं। अब 12 नए कोविड केयर सेंटर बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इससे जिले में 760 ऑक्सीजन सुविधायुक्त बेड की व्यवस्था बढ़ेगी और करीब 2730 बेड की व्यवस्था होगी।
रायपुर में इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट, नया रायपुर और आयुष विश्वविद्यालय के कोविड केयर सेंटर में 4-4 सौ बेड की व्यवस्था होगी। हीरापुर कोविड केयर सेंटर में 300 बेड की व्यवस्था होगी, जिसमें 15 ऑक्सीजन सुविधायुक्त बेड होंगे। रायपुर के इंडोर स्टेडियम में 260 बेड की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें 50 बेड ऑक्सीजन सुविधायुक्त होंगे। प्रयास बालक छात्रावास सड्डू और प्रयास बालिका छात्रावास गुढ़ियारी में 3-3 सौ बेड की व्यवस्था होगी। ईएसआई हॉस्पिटल, रायपुर में भी कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है। यहां 200 बेड की सुविधा होगी जिसमें 100 बेड ऑक्सीजन सुविधायुक्त रहेंगे।
रायपुर जिले के सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में 100 बेड की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था की जा रही है। इन सेंटर में 20-20 ऑक्सीजन युक्त बेड होंगे। कोविड केयर सेंटर लालपुर में ऑक्सीजन की सुविधायुक्त 100 बेड और आयुर्वेदिक कॉलेज के कोविड केयर सेंटर में 400 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है।
इधर, दुर्ग में कोविड 19 के जरूरतमंद पेशेंट को ऑक्सीजन बेड की सुविधा भी नहीं मिल रही है। गम्भीर मरीजों को आईसीयू बेड में शिफ्ट करने के लिए लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। प्रशासनिक अफसर बेड खाली न होने का हवाला देकर मरीजों के परिजनों से टालमटोल कर रहे हैं। विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल के पास हर दिन दर्जनों जरूरतमंद और गम्भीर मरीजो के फोन आ रहे हैं – सबकी एक ही फरियाद है – फौरन इलाज की व्यवस्था करने की फरियाद।
हालत ये है कि लाखो का बिल वसूलने वाले अस्पतालों में भी बेड नहीं मिल रहे हैं। निजी अस्पतालों में गम्भीर मरीजों के लिए आईसीयू में जगह नहीं है। ऐसे हालात में रायपुर की तर्ज पर दुर्ग में भी युद्ध स्तर पर कोविड मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा की दरकार है।
दुर्ग जिले के अफसर इस तरह की युद्धस्तर की तैयारी करने में सक्षम क्यों नहीं हैं ???