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कोरोना के गंभीर मरीजों के परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित अन्य सुविधाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मरीजों के परिजन जनप्रतिनिधियों के पास दवा दिलाने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोरोना संकट के कारण दवाई और वेन्टीलेटर्स की कमी हर जगह सामने आ रही है। जिले में इंजेक्शन के लिए मारामारी की स्थिति से अवगत कराने विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
वोरा ने कहा कि प्रदेश में रायपुर के साथ दुर्ग जिला सर्वाधिक प्रभावित है। राजधानी की तर्ज पर दुर्ग जिले के लिए भी विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर की जरूरत के मुकाबले 10 प्रतिशत भी उपलब्ध नहीं हो रही है। इससे आम जनता असहाय महसूस कर रही है। इस स्थिति को यथाशीघ्र बदलने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 12 तारीख को इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। प्रदेश को हर सप्ताह 30 हजार रेमडेसिविर की सप्लाई सुनिश्चित होने की संभावना है। इसके बाद काफी हद तक रिकवरी रेट में बढ़ोतरी होगी। वोरा ने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि आपदा के दौर में टेंडर प्रक्रिया को शिथिल कर तत्काल खरीदी की संभावनाओं पर विचार किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।