• लॉकडाउन के बाद स्थिति सामान्य होने पर किसानों के सिंचाई पम्पों को तेजी से दिए जाएं बिजली कनेक्शन
  • प्रदेश में लगभग 32 हजार सिंचाई पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए जाने हैं: अधिकांश स्थानों पर टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है 

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिलों के पॉवर कम्पनियों के मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों से चर्चा कर उनके कार्याें और समस्याओं की जानकारी ली। कोविड संक्रमण काल में विद्युत विभाग के मैदानी अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा बिजली उत्पादन के साथ विद्युत सप्लाई का कार्य निर्बाध और सुचारू रूप से करने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने खुशी जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कठिन दौर में सभी अधिकारी-कर्मचारी कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें और खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखकर कार्य करें। मास्क, सेनेटाईजर का लगातार उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के इस दौर में विद्युत विभाग के मैदानी अमले द्वारा निर्बाध रूप से बिजली उत्पादन, लगातार बिजली सप्लाई और मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए वे बधाई के पात्र है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव और बिजली कम्पनियों के अध्यक्ष अंकित आनंद भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि लॉकडाउन के कारण लोग घरों में हैं। गर्मी के मौसम में सभी उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। विशेष रूप से किसानों के सिंचाई पम्पों के ऊर्जीकरण के पेंडिंग प्रकरणों पर तत्काल कार्यवाही कर उन्हें बिजली कनेक्शन दिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के 32 हजार सिंचाई पम्पों के कनेक्शन दिए जाने हैं, कई जिलों में इस दिशा में अच्छा काम हुआ है। लगभग सभी जगहों पर टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लॉकडाउन के बाद स्थिति सामान्य होने पर तेजी से सिंचाई पम्पों को बिजली के कनेक्शन दिए जाएं।

बैठक के दौरान विभिन्न जिलों से जुड़े बिजली विभाग के सहायक अभियंताओं और सहायक लाईनमेन ने बताया कि बिजली सप्लाई में समस्या आने पर तत्काल निराकरण किया जा रहा है। मीटर रीडिंग का कार्य भी किया जा रहा है। बैठक के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का कोविड टीकाकरण कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि सबसे पहले छत्तीसगढ़ ने प्रधानमंत्री जी से 18 से 44 वर्ष आयु समूह के लोगों के वैक्सीनेशन कराने का आग्रह किया था। राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष के आयु समूह के व्यक्तियों का निःशुल्क वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर तेजी से वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। एक मई को वैक्सीन की मात्र डेढ़ लाख डोज प्राप्त हुई, जबकि इस आयु समूह में एक करोड़ 35 लाख लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना है। उन्होंने कहा कि फ्रंट लाइन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड वैक्सीनेशन में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल स्थान पर है। जैसे-जैसे वैक्सीन डोज उपलब्ध होगी, वैसे ही 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का भी तेजी से टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 45 से 60 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए, 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।
बैठक में उपस्थित बिजली कम्पनियों के अध्यक्ष अंकित आनंद ने बताया कि कर्मचारी कल्याण के अंतर्गत कोविड संक्रमित विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को इलाज के लिए मानक दर से अस्पताल में इलाज के लिए कुल आकलित खर्च की 90 प्रतिशत राशि मेडिकल एडवांस के रूप में दी जा रही है। संविदा कर्मियों को भी 50 हजार रूपए तक का मेडिकल एडवांस दिया जा रहा है।
वर्चुअल बैठक में दुर्ग, रायपुर, कोण्डागांव, जांजगीर-चांपा, बस्तर, महासमुन्द, गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, रायगढ़, कांकेर, बालोद और कोरबा जिले के विद्युत विभाग के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। कार्य के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कोरबा में जनरेशन कम्पनी के अधिकारियों से वहां प्लांट के संचालन के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि बिजली उत्पादन का कार्य सुचारू रूप से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन का कार्य महत्वपूर्ण है। यदि किसी को सर्दी, बुखार हो तो उन्हें  कार्य से अलग रखें, ताकि संक्रमण से बचा जा सके। ऐसे व्यक्ति का इलाज कराएं। प्लांट में बाहरी व्यक्ति प्रवेश न करें, यह सुनिश्चित किया जाए।  मुख्यमंत्री ने कोयला आपूर्ति की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पर्याप्त कोयला उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा के दौरान रायपुर जिले के महेश्वर सिंह साकार ने बताया कि ऑनलाइन शिकायतों, टेलीफोन पर मिलने वाली शिकायतों और मोर बिजली ऐप के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों का यथाशीघ्र निराकरण किया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन में भी मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग कर त्वरित निदान कर रहे हैं। रिसाली से राजेश पांडे (जूनियर इंजीनियर) ने बताया कि काम करने में कोई परेशानी नहीं आ रही है। इस क्षेत्र में 5 सब स्टेशन है जिसकी निगरानी 24 घंटे की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा बिजली खपत की जानकारी मांगे जाने पर श्री पांडे ने बताया कि लॉकडाउन में शहरी इलाकों में खपत कुछ बढ़ी है, जहां फैक्ट्री और खेतों में पंप संचालित हैं, वहां खपत कम है। मीटर रीडिंग के संबंध में उन्होंने बताया कि 95 प्रतिशत मीटर घर के बाहर होने पर किसी प्रकार की समस्या नहीं होती, जिन घरों में कोविड-19 के मरीज हैं वहां मोर बिजली ऐप के माध्यम से बिल का भुगतान किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र के कनिष्ठ अभियंता प्रशांत कुमार ने बताया कि कार्य स्थल पर अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा सेनेटाईजर एवं मास्क का उपयोग किया जा रहा है।
सरगुजा से सहायक अभियंता संतोष कुमार, बालोद से गोकुल देवांगन सहायक लाइनमैन ने बताया कि वे लोग फील्ड में मास्क लगाते हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। रायगढ़ के कनिष्ठ अभियंता मनीष कुमार साहू ने बताया कि 300 पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। बेमेतरा के सहायक अभियंता गुलाब राम ने बताया कि जिले में 2 हजार 177 पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। महासमुन्द के अधिकारियों ने बताया कि जिले में एक हजार पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। जांजगीर चांपा के कनिष्ठ अभियंता महेश जयसवाल ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं।