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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्षा ऋतु से पहले समितियों से धान का उठाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश के बाद विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से उपार्जित धान का निराकरण तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित 92 लाख मीट्रिक टन धान की रिकार्ड मात्रा में से अब तक 75.59 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है और 16.41 लाख मीट्रिक टन धान समितियों में बचा है।
विभागीय अफसरों ने बताया कि समितियों में शेष धान का कस्टम मिलिंग करने मिलर्स द्वारा धान का निरंतर उठाव जारी है। समितियों से परिवहन के माध्यम से भी धान का निरंतर उठाव किया जा रहा है। अतिशेष धान की नीलामी की कार्यवाही सतत रूप से प्रक्रियाधीन होने के कारण सफल क्रेताओं द्वारा भी धान का लगातार उठाव किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम को धान उपार्जन की अनुमति देने में विलम्ब, बारदानों की अनुपलब्धता, पुराने बारदानों के उपयोग की अनुमति में विलम्ब और लॉकडाउन के कारण विभिन्न जिलों में समितियों से धान उठाव व कस्टम मिलिंग कार्य की गति प्रभावित हुई।
समितियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि बढ़ी : अब 5 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मिलेगी राशि
धान की सुरक्षा और भण्डारण के लिए समितियों को 3 रुपए प्रति क्विंटल के मान से राशि दी जाती है। इसमें से 2 रुपए प्रति क्विंटल के मान से राशि समितियों को अग्रिम प्रदान की जा चुकी है। इस वर्ष समितियों को प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि में भी वृद्धि करते हुए 4 रुपए प्रति क्विंटल के स्थान पर 5 रुपए प्रति क्विंटल के मान से राशि समितियों को देने का निर्णय लिया गया है। राज्य में समिति व संग्रहण केन्द्रों में भण्डारित धान के सुरक्षित रख-रखाव हेतु सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किये गये है। निराकरण हेतु शेष धान का त्वरित व निरंतर उठाव जारी है। राज्य में अब तक किसी भी स्थान पर धान के खराब होने की स्थिति नहीं है।