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धान की जगह दूसरी फसल की पैदावार बढ़ाने किसानों को प्रोत्साहित करेंगे अफसर : कलेक्टर ने किसानों की आय बढ़ाने दस सूत्रीय एजेंडा पर काम करने दिये निर्देश

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

धान की जगह दूसरी फसलों के उत्पादन पर जोर देकर किसानों के आमदनी बढ़ाने की योजना पर दुर्ग जिले में युद्धस्तर पर काम शुरू हो गया है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने पहली बैठक धमधा ब्लाक में लेकर यहां सभी कृषि विस्तार अधिकारियों, उद्यानिकी अधिकारियों और  कोआपरेटिव के अधिकारियों को निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कहा कि फसल वैविध्य अपनाकर किसान न केवल ज्यादा आर्थिक लाभ हासिल कर सकते हैं, बल्कि मिट्टी की ऊर्वरता भी बढ़ा सकते हैं। गाँवों में ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसके लिए तैयार करें। गाँव में फसल के ट्रैक रिकार्ड की जानकारी लेकर जिन किसानों ने पूर्व के वर्षों में धान के अलावा दूसरी फसलों की पैदावार की है, उन्हें दूसरी फसल के लिए प्रोत्साहित करने का काम किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा प्रति एकड़ दी जा रही दस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि की जानकारी का प्रचार करने के निर्देश दिए गए।

मक्का जैसी फसल में सरकार समर्थन मूल्य भी प्रदान करती है। कलेक्टर ने कहा कि बड़े किसान अपनी भूमि पर फसल वैविध्य कर सकते हैं। कुछ भूमि में धान, कुछ में दलहन-तिलहन और कुछ में बांस-सागौन आदि का प्लांटेशन कर सकते हैं। इस तरह का वैविध्य अपनाने से आर्थिक लाभ भी होगा। योजना के क्रियान्वयन की नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने फसल वैविध्य के लिए किसानों को तैयार करने के साथ ही ऐसा करने के इच्छुक किसानों के लिए खाद-बीज की व्यवस्था उपलब्ध कराने की दिशा में होमवर्क करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इस मौके पर सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार, एसडीएम बृजेश क्षत्रिय सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

इन बिन्दुओं को लेकर किसानों को जागरूक करेंगे अधिकारी

अधिकारी किसानों को बताएंगे कि किस प्रकार फसल वैविध्य अपनाना किसानों के लिए लाभ का सौदा है। लगातार धान लेने से जमीन की ऊर्वरा क्षमता घटने लगती है। दलहन फसलें जमीन में नाइट्रोजन को फिक्स करती हैं जिससे जमीन की ऊर्वरा शक्ति में खासा विस्तार होता है। धान के अलावा दीगर फसलों जैसे मक्का आदि में भी एमएसपी की सुविधा सरकार ने शुरू कर दी है। आर्गेनिक राइस, जिंक राइस, फोर्टिफाइड राइस जैसी फसल पौष्टिक गुणों से भरपूर होती हैं। जब किसान फसल वैविध्य करते हैं तो एक ही तरह के अनाज के बजाय दूसरी तरह के पौष्टिक मूल्यों वाला भोजन उन्हें उपलब्ध होता है जिससे पोषण मजबूत होता है।

इन दस सूत्रों पर करें काम

कलेक्टर ने कहा कि शासन की मंशानुरूप किसानों की आर्थिक आय बढ़ाने की योजनाओं पर जुटने के लिए दस सूत्रों पर कार्य करना जरूरी है। इन सूत्रों में नरवा-गरुवा-घुरूवा-बाड़ी योजना का प्रभावी क्रियान्वयन, नियमित गोबर क्रय, वर्मी खाद का उत्पादन, किसानों को वर्मी खाद का प्राथमिकता से विक्रय, अन्य फसलों को प्रोत्साहित करना, सोसायटी में पुराने धान का अतिशीघ्र उठाव, खाद-बीज की व्यवस्था में समन्वय, फसल बीमा के लिए सभी किसानों का आवेदन, योजनाओं का लाभ सभी किसानों को मिले, किसान मित्र के रूप में कार्य शामिल है।

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