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केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के 7 साल पूरे होने पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और छत्तीसगढ़ राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष अरुण वोरा ने कहा कि एनडीए सरकार ने 7 वर्षों के राज में आम जनता को कंगाल कर दिया है। देश की जनता को महंगाई और आपदा की ओर ले जाने के बाद आम जनता पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को याद कर रहे हैं। भाजपा ने 35 रु लीटर पेट्रोल, हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपए जमा करने, चहुंमुखी विकास का वादा कर सत्ता हासिल की थी। केंद्र में सरकार बनने के बाद सिर्फ कुछ ही लोगों को फायदा हुआ है।
वोरा ने कहा कि मनरेगा जैसी गरीब कल्याण योजना को विफलता का स्मारक बताने वालों के पास अपनी सफलता दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। आपदा को अवसर बनाने वाली सरकार ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी सिर्फ राज्यों की सत्ता हासिल करने में अपना ध्यान केंद्रित किया। जनता द्वारा चुनी हुई सरकार गिराने और बहुमत को हाईजैक करने की जगह अगर सरकार जनहितैषी कामों में अपना ध्यान केंद्रित करती तो बेहतर होता।
वोरा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल, काले कृषि कानून जैसे जन विरोधी फैसलों के लिए एनडीए सरकार की जितनी भी आलोचना की जाए वो कम है। वर्तमान में देश मे मंडरा रहे मंदी के खतरे के बीच केंद्र सरकार को कांग्रेस के अनुभव का लाभ लेना चाहिए और सोनिया गांधी, डॉ मनमोहन सिंह जैसे जनप्रिय नेताओं की सलाह पर ध्यान देना चाहिए। एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ में जनता के हितों को ध्यान में रखकर सरकार चल रही है, वहीं केंद्र सरकार की किसी भी योजना में जनहित नजर नहीं आता है।
वोरा ने कहा कि मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी और मंझोले उद्योगों की कमर तोड़ने और अपने निवेशकों को फायदा पहुंचाने की नीति पर भाजपा सरकार चल रही है। छत्तीसगढ़ में लेमरू एलिफेंट रिजर्व की जमीन को ग्रामीणों और राज्य सरकार की सहमति के बिना ही कोल ब्लॉक के लिए आबंटित कर दिया गया। आने वाले समय में जनता एनडीए सरकार की रिपोर्ट कार्ड पर अपना फैसला सुनाएगी। अगले चुनावों में निश्चित रूप से यूपीए की सरकार बनने जा रही है।