- मुख्यमंत्री ने खदानों से वसूले गए 4100 करोड़ रु. छत्तीसगढ को हस्तांतरित करने का आग्रह किया
- सीएम ने डीएमएफ में प्रभारी मंत्री को पदेन अध्यक्ष बनाए रखने का अनुरोध किया
- बस्तर क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को बढ़ा देने बैलाडीला लौह अयस्क खदान-1 को सीएमडीसी के पक्ष में आरक्षित करने का किया अनुरोध
- छत्तीसगढ़ द्वारा निजी खदानों के ग्रेड निर्धारण कार्यो को केन्द्रीय मंत्री ने सराहा
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
केन्द्रीय खान एवं कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में केन्द्र के निर्देशों पर त्वरित पहल करने के लिए छत्तीसगढ़ की सराहना की। बैठक में जानकारी दी गई कि भारत सरकार की प्राथमिकता में खनिज ब्लॉक्स का आबंटन नीलामी के माध्यम से किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम चरण के तहत अगले 2-3 माह में लौह अयस्क और चूना पत्थर के कुल 16 नये ब्लॉक्स की नीलामी की तैयारी की जा रही है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए पहल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और खनिज विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में खनिजों से संबंधित छत्तीसगढ़ के पक्ष का मजबूती के साथ रखा।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से बस्तर क्षेत्र में लौह अयस्क आधारित औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने और स्थानीय लौह अयस्क आधारित उद्योगों को सुगमता से लौह अयस्क उपलब्ध कराने के लिए बैलाडीला लौह अयस्क खदान-1 को सीएमडीसी के पक्ष में आरक्षित करने का आग्रह किया। बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में नक्सली समस्या के उन्मूलन के लिए औद्योगिकीकरण एक अच्छा माध्यम हो सकता है। इस पर केन्द्रीय मंत्री द्वारा आवश्यक पहल का आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने जिला खनिज संस्थान (डीएमएफ) में जिले के प्रभारी मंत्री को पदेन अध्यक्ष बनाए रखने का अनुरोध बैठक में किया। उन्होंने कहा कि समिति में समस्त सांसदों को पदेन सदस्य बनाया जा सकता है। वर्तमान में जिला कलेक्टर को पदेन अध्यक्ष और समस्त सांसदों को पदेन सदस्य बनाये जाने के भारत सरकार खान मंत्रालय के आदेश को संशोधित करने का आग्रह किया है। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।
केन्द्रीय कोयला मंत्री ने छत्तीसगढ़ में देश में सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा निजी कोयला खदानों के ग्रेड निर्धारण के लिए किये गए कार्यो की सराहना की गई और एसईसीएल की खदानों में भी ग्रेड निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को देने के छत्तीसगढ़ की मांग पर विचार करने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2014 के पूर्व संचालित निजी कोयला खदानों से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वसूल की गई 4100 करोड़ रुपए की राशि छत्तीसगढ़ राज्य को जल्द हस्तातंरित करने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से मार्गदर्शन प्राप्त कर प्रकरण का निराकरण करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ राज्य कोयला धारित प्रदेश है, इसकेे बावजूद राज्य के सार्वजनिक उपक्रम के पास कोई भी कोयला ब्लॉक नहीं है। उन्होंनेे सीएमडीसी के पक्ष में तारा कोल ब्लॉक आबंटन का आग्रह किया। किन्ही कारणों से इस ब्लॉक की अनुपलब्धता की स्थिति में रायगढ़ स्थित डोरेसरा, झारपालम, जरेकेला में से कोई कोयला ब्लॉक आरक्षित करने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री राजनांदगांव के अम्बागढ़ चौकी अन्तर्गत बोदाल क्षेत्र में बेस मेटल के एक्सप्लोरेशन हेतु एनएमईटी के फण्ड का उपयोग करते हुए पूर्वेक्षण करने हेतु एजेंसी का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने कहा।
वर्चुअल बैठक में भारत सरकार, कोयला एवं खान मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, खनिज साधन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म समीर बिश्नोई सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।