Breaking News

दिव्यांग ललिता को गौठान ने दी ताकत : खुद भी कमा रहीं और 35 महिलाओं को भी दिया रोजगार

द सीजी न्यूज डॉट कॉम
कोरबा जिले की दिव्यांग ललिता राठिया को गौठान योजना ने समृद्धि की ताकत दी है। गौठान योजना शुरू होने पहले ललिता बेहद परेशान और दुखी रहती थी। खाने-पीने तक के लिए मां-बाप पर आश्रित रहने वाली ललिता अब खुद कमा-खा रही है,और दूसरों को भी रोजगार दे रही है। ललिता ने 35 महिलाओं को रोजगार दिया है। ललिता ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी सुनाई। वे जनपद पंचायत कोरबा से करीब 65 किलोमीटर दूर ग्राम चिर्रा की निवासी हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ललिता की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ललिता और उनकी समूह की महिलाओं को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग होने के बाद भी महिलाओं को आर्थिक विकास की राह पर चलने के लिए रास्ता दिखा रहीं हैं। यह निश्चित ही जहां चाह वहां राह को सिद्ध करता है। बघेल ने ललिता की तारीफ करते हुए कहा कि शासन की लाभकारी योजनाओं की जानकारी ललिता को है। शासन की योजनाएं गरीब, किसान व सभी लोगों के लिए निश्चित ही लाभदायक है।
ललिता ने बताया कि गांव की विधवा, परित्यक्ता सहित अन्य महिलाओं को मिलाकर 35  महिलाओं का समूह बनाया। समूह की महिलाएं गौठान में मछली पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, धान की खेती, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन जैसे आर्थिक गतिविधियों में काम कर रहीं है। गांव में ही काम मिलने से गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।  इससे उनके घर की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। महिलाएं अपने घर-परिवार और बच्चों का भरण-पोषण व पढ़ाई-लिखाई अच्छे से कर रही है। ललिता ने बताया कि समूह की महिलाएं मिलकर 800 क्विंटल गोबर खाद की खरीदी कर चुकी है और 400 क्विंटल केंचुआ खाद भी बना चुकी हैं।
सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में स्थापित करना है। गौठान के माध्यम से सभी ग्रामीणों को जोड़कर रोजगार के नए अवसर प्रदान करना और लोगों को स्वावलंबी बनाना सरकार का उद्देश्य है।जिले के विकास कार्यों के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए ललिता ने बताया था कि उसके दोनों पैर खराब हैं। जीवन को लेकर वे निराश थीं। राज्य शासन की नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना से जुड़कर उसके जीवन की दिशा ही बदल गई। इस योजना के साथ ही गोधन न्याय योजना से जुड़कर गांव की 35 महिलाओं ने 5 लाख 28 हजार 900 रुपए की आय अर्जित की है। दिव्यांग होने के बावजूद चिर्रा के गौठान में सक्रिय सदस्य के रूप में काम करके लोगों के सामने आर्थिक मिसाल पेश की है।

Check Also

GATI के रूप में आर्थिक विकास का बजट है छत्तीसगढ़ का बजट

द सीजी न्यूज भिलाई सीए ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष सीए मिनेश जैन ने छत्तीसगढ़ राज्य …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *