द सीजी न्यूज डॉट कॉम
अमृत मिशन प्रोजेक्ट में लेटलतीफी को लेकर विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल की कड़ी नाराजगी के बाद अब कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भी मिशन के कामकाज में ढिलाई पर नाराजगी जताई है। दुर्ग शहर में चल रहे अमृत मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने एजेंसी पर पेनाल्टी लगाने के निर्देश दिये।
प्रोजेक्ट का काम लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन एजेंसी कर रही है। एजेंसी को यह कार्य जून तक पूरा कर लेना था। जून माह तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है। कलेक्टर ने कहा कि प्रावधानों के मुताबिक कार्य में विलंब होने की दशा में एजेंसी पर पेनाल्टी लगाई जाए। कलेक्टर ने एजेंसी से कार्य पूरा होने की समय सीमा पूछी। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि तेजी से काम किया जा रहा है और अगस्त महीने तक यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा।
दुर्ग शहर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने 147 करोड़ रुपए की लागत से प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। पाइपलाइन बिछाने, ओवरहेड टंकियां बनाने और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रिनोवेशन का कार्य कंपनी को करना है। प्रोजेक्ट पूरा होने पर 60 हजार परिवारों को भरपूर पानी मिल सकेगा। कलेक्टर ने कहा कि शुद्ध पेयजल जनता के लिए सबसे अहम सुविधा है। इस पर किसी तरह का विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्य शीघ्र अति शीघ्र पूरा किया जाए और इसमें गुणवत्ता का ध्यान भी रखा जाना चाहिए। बैठक में निगम आयुक्त हरेश मंडावी भी मौजूद रहे। उन्होंने प्रगतिरत कार्यों के बारे में जानकारी दी।
कई जगहों पर नालियों के भीतर से पाइपलाइन बिछा दी, कलेक्टर ने कड़े निर्देश दिये
एजेंसी द्वारा अमृत मिशन के तहत कई स्थानों पर पाइपलाइन को नालियों के भीतर से बिछा दिया गया है। इससे पानी के प्रदूषित होने की आशंका रहेगी। कलेक्टर ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए नाली के भीतर बिछाई गई पाइपलाइनों को बाहर से ले जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के दौरान इस तरह की बारीकियों का पूरा ध्यान रखना एजेंसी की जिम्मेदारी है। ताकि, किसी भी तरह की समस्या बाद में न हो। उन्होंने अमृत मिशन की मानिटरिंग कर रहे निगम के अभियंताओं पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की बेहतर मानिटरिंग करें ताकि काम समय पर और गुणवत्तापूर्वक पूरा हो सके।