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राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोगों को इस योजना के प्रावधान और फायदों की जानकारी देने और उनकी जिज्ञासा का समाधान करने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों के आसपास प्रदर्शन-वन विकसित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को सभी जिला मुख्यालयों के आसपास कम से कम 10 एकड़ शासकीय भूमि चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन प्रदर्शन-वनों के माध्यम से योजना के प्रावधानों और फायदों के बारे में लोग जानकारी लेकर इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सकेंगे। चिन्हांकित भूमि पर इमारती और अन्य प्रजातियों के वृक्षों के रोपण के साथ-साथ औषधीय पौधे रोपे जाएंगे। इससे आगामी वर्षों में निजी क्षेत्र के लोगों को भी वाणिज्यिक वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से किसानों को आय का नया जरिया उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना 1 जून 2021 से शुरू की गई है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल लेने वाले किसान अगर धान के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि भी हो सकेगी। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत वृक्षों को काटने व विक्रय का अधिकार संबंधित समिति को दिया गया है।