- क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल विकासखण्डों में नरवा उपचार का कार्य प्राथमिकता से कराने के निर्देश
- मुख्यमंत्री ने कहा पेयजल में हेवी मेटल की जांच का करें प्रबंध
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के जल समस्या वाले विकासखण्ड़ों सहित इंडस्ट्रियल और माइनिंग एरिया में लोगों को साफ पानी की सप्लाई के लिए सरफेस वाटर सप्लाई स्कीम तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में भू-जल के दोहन से स्थिति जटिल हो रही है। माइनिंग एरिया में ब्लास्टिंग के कारण भू-जल में हेवी मेटल की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके सेवन से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने लगी है।
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पेयजल में हेवी मेटल की मात्रा की जांच की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य में क्रिटिकल ब्लाक के रूप में चिन्हित बालोद जिले के गुरूर और रायपुर जिले के धरसींवा ब्लाक सहित सेमी क्रिटिकल ब्लाक के रूप में चिन्हित बेमेतरा, साजा, नवागढ, बेरला, बालोद, तखतपुर, बिल्हा, राजिम, दुर्ग, धमधा, पाटन, राजनांदगांव, डोंगरगांव, धमतरी, कुरूद, बसना, पिथौरा, मालखरोद, पण्डरिया, कवर्धा, बरमकेला और पुसौर में पेयजल की आपूर्ति के लिए सरफेस वाटर सप्लाई स्कीम तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इन ब्लाकों में भू-जल भरण और जल संचयन के लिए नरवा उपचार कार्य प्राथमिकता से कराने की जरूरत है, ताकि सतही जल से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बेहतर तरीके से की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर में खारून नदी से पेयजल की आपूर्ति होती है। खारून नदी में पर्याप्त जल उपलब्धता के लिए बालोद, धमतरी, दुर्ग, पाटन, अभनपुर इलाके के नालों का उपचार व जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल विकासखण्डों में सिंचाई के लिए भू-जल के बेतहाशा दोहन से जल स्तर नीचे जा रहा है। खारे पानी की समस्या बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए सतही जल के संचयन और सदुपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने राज्य में पेयजल की आपूर्ति अपडेट व्यवस्था और जल जीवन मिशन के कार्याें के प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि वर्तमान समय में राज्य में 2,83,653 हैण्ड पम्प, 4097 नलजल योजना क्रियाशील हैं। इसमें से 11,160 हैण्ड पम्प और 1178 नलजल योजनाएं बीते ढाई सालों में स्थापित किए गए हैं। मिनीमाता अमृत धारा योजना के तहत 73,584 घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं। राज्य के ऐसे इलाके जहां भू-जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है, वहां पेयजल की आपूर्ति के लिए सतही स्त्रोत से पेयजल उपलब्ध कराने वर्तमान में समूह जल प्रदाय योजना एवं नलजल प्रदाय योजनाओं के निर्माण की कार्यवाही की जा रही है।