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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में उनके वन गमन की स्मृतियों को जीवंत बनाने के लिए राज्य के उत्तरी छोर कोरिया से लेकर दक्षिण में सुकमा तक राम वनगमन पर्यटन परिपथ का तेजी से विकास किया जा रहा है। चिन्हित स्थलों में पौराणिक प्राचीन स्वरूप को संरक्षित करते हुए विकसित किया जा रहा है। आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ का राम वन गमन पर्यटन परिपथ देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ की प्रगति सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की व्यापक संभावना है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए सर्किट बनाएं। राजिम में महानदी में जल कुंड बनाए, ताकि वहां श्रद्धालुओं के लिए नहाने की व्यवस्था हो।

मुख्यमंत्री ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास के तहत प्रथम चरण में चयनित 9 स्थलों की प्रगति के साथ ही सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर किए जा रहे विकास कार्य, मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़, प्रज्ञागिरी स्थल का विकास, ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत हो रहे कार्यो की समीक्षा की। बैठक में पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, पर्यटन सचिव अन्बलगन पी. और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक  यशवंत कुमार उपस्थित थे।
बैठक में पर्यटन सचिव ने प्रस्तुतिकरण के जरिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में 9 स्थलों-सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण-खरौद (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), रामाराम (सुकमा) का विकास किया जा रहा है। चंदखुरी में कौशिल्या माता मंदिर परिसर में तीन चरणों में कार्य किया जा रहा है, जिसमें से प्रथम व दूसरे चरण के 90 प्रतिशत विकास कार्य पूरे हो चुके हैं।

शिवरीनारायण में विकास कार्य प्रगति पर है। यहां प्रथम चरण के विकास कार्य दिसम्बर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के चिन्हित 9 स्थलों में से 4 स्थल रामगढ़, तुरतुरिया, सिहावा-सत्पऋषि आश्रम और  तीरथगढ़ वन क्षेत्र में होने के कारण यहां का कार्य वन विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है। इस परिपथ में राजस्व, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संस्कृति, पर्यटन, जल संसाधन और वन विभाग के समन्वय से विकास कार्य हो रहे हैं।

बैठक में बताया गया कि सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम में विकसित करने 62 करोड़ 96 लाख रुपए की  लागत का कांसेप्ट प्लान तैयार किया गया है। मुख्य रूप से तीन भव्य स्वागत द्वार, पार्किंग साईनेजेस, एडमिन बिल्डिंग, लैण्डस्केपिंग, 15 गजिबो-पगोड़ा, बुद्धिष्ट थीम पार्क, रायकेरा तालाब के चारों ओर पत्थरों से पिंचिंग व फुटपाथ, सायकल ट्रेक, ओपन एयर थियेटर निर्मित किए जाएंगे।

ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत 96 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से 13 स्थलों को विकसित किया जा रहा है, जिनमें से जशपुर में एथनिक पर्यटन ग्राम, कुनकुरी में मार्ग सुविधा केंद्र, कुरदर  बिलासपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, नथियानवागांव में मार्ग सुविधा केंद्र, कोण्डागांव में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट और चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। तीरथगढ़, मैनपाट और कमलेश्वरपुर में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट और महेशपुर में मार्ग सुविधा केंद्र का कार्य आगामी सितम्बर माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
एडवेंचर स्पोर्ट्स के तहत कोरबा के सतरेंगा में 9 करोड़ 43 लाख रुपए की लागत से जल पर्यटन की सुविधा विकसित की जा रही है। पर्यटन सचिव ने बताया कि निजी निवेश योजना के तहत मानातुता में थीम एम्यूजमेंट पार्क, तेलीबांधा स्थित होटल जोहार छत्तीसगढ़ में टूरिज्म कमर्शियल काम्पलेक्स और मैनपाट के सैला रिसॉर्ट में नेचर केयर-वेलनेस सेंटर विकसित करने की योजना है।

राज्य होटल प्रबंध संस्थान नवा रायपुर में इस समय 10 छात्र बीएससी हॉस्पिटेलिटी एंड होटल एडमिनिस्ट्रेशन और 38 छात्र डिप्लोमा इन फूड प्रोडक्शन में ऑनलाईन पढ़ाई कर रहे हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विभिन्न स्थलों में एक लाख 68 हजार से अधिक पौधो का रोपण किया गया है। लगभग 36 करोड़ रुपए की लागत से 18 बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ पार्क राम वन गमन पर्यटन परिपथ की 10 किलोमीटर के परिधि में विकसित किए जा रहे हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र होंगे।