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दुर्ग जिले के सबसे बड़े अस्पताल यानी दुर्ग जिला अस्पताल के ठीक पीछे आयुर्वेदिक पंचकर्म चिकित्सा केंद्र की ये तस्वीरें बता रही है कि वैक्सिनेशन सेंटरों में उपलब्ध सुविधाओं का क्या हाल है? हालत ये है कि यहां बनाए गए वैक्सिनेशन सेंटर में दर्जनों लोग कई-कई बार जाकर वापस लौट रहे हैं। एक ही जवाब मिलता है … वैक्सीन खत्म हो गई है। सेंटर तक पहुंचना भी आसान नहीं है। सड़क पर गड्ढे की भरमार है। गड्ढों में बारिश का पानी भरा है। इसी शहर में पीडब्लूडी मंत्री का निवास है। इसके बावजूद पूरे शहर की सड़कों का यही हाल है।
विधायक ने दौरा किया, सीएमएचओ को दिये निर्देश
लगातार शिकायतें मिलने पर विधायक अरुण वोरा ने आज यहां का जायजा लिया। सेंटर के सामने खस्ताहाल सड़क पर बेशुमार गड्ढों में बारिश का पानी भरा है। इस गड्ढों भरी सड़क को पार करने के बाद ही वैक्सिनेशन सेंटर तक पहुंचा जा सकता है। वैक्सिनेशन के लिए इस सड़क को पार करने में गिरने का खतरा है।
सेंटर में मौजूद लोगों ने विधायक अरुण वोरा को बताया कि दो-तीन दिनों से रोज आ रहे हैं। उन्हें वैक्सीन खत्म होने का हवाला देकर लौटा दिया जाता है। सेंटर में बैठने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। वोरा ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से वैक्सिनेशन सेंटर की सुविधाएं बेहतर रखने के निर्देश दिये हैं।
वोरा ने जिले के चीफ मेडिकल आफिसर से सेंटर में वैक्सिनेशन के लिए आने वाले लोगों के लिए कुर्सियों की व्यवस्था करने के साथ ही पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये हैं। वोरा ने कहा कि पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था करना भी जरूरी है, ताकि यहां आने वाले लोगों को दिक्कत न हो। ज्यादा देर तक इंतजार कराए बिना लोगों का वैक्सिनेशन होना चाहिए।