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पोटिया स्कूल : 10 बच्चों का सलेक्शन : छा गए सर जी

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राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त मिडिल स्कूल पोटिया ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। एनएमएमएसई एंट्रेंस एग्जाम में इस स्कूल के 10 छात्रों का चयन हुआ है। धमधा ब्लॉक के इस स्कूल के नाम शैक्षिक उपलब्धियां भी हैं और शिक्षकों की समर्पण भावना और ललक भी चर्चा में रही है। इस स्कूल के छात्र पिछले 9 साल से एनएमएमएसएसई के लिए चयनित हो रहे हैं। यह कोई मामूली उपलब्धि नहीं है।
प्रतिभा कभी भी किसी की मोहताज नही होती है। प्रतिभा को सही समय और सही अवसर की प्रतीक्षा होती है। कोरोना काल जैसे विपदा के दौर में धमधा विकासखण्ड के पोटिया स्कूल के छात्रों ने एक बार फिर कमाल दिखाया है। इस बार यहाँ से 10 विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय सह साधन प्रावीण्य छात्रवृत्ति (एनएमएमएसई) के लिए हुआ है। चयनित सभी छात्रों को हर माह एक हजार रूपये की छात्रवृत्ति नवमी से बारहवीं कक्षा तक मिलती रहेगी।
मिडिल स्कूल पोटिया का पूरे स्टाफ की शिक्षा के प्रति लगन दूसरों को प्रेरित करती है। कोई भी काम मुझसे नही होगा, ऐसा कोई शब्द यहां के स्टॉफ की डिक्शनरी में ही नही है। इसी का सुखद नतीजा है कि थोड़ी-थोड़ी कोशिशें करते-करते आज यह विद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर रहा है। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने इस विद्यालय को स्वच्छता के लिए पुरष्कृत किया था। स्कूल के स्टाफ रुक्मणी शोरी, मंजूषा डोंगरे, धनुष कुमार नेताम, पवन कुमार सिंह के साथ संकुल समन्वयक अमितेश तिवारी मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे है।
राज्य स्तर पर स्वच्छता सहित कई नवाचारों के लिए चर्चित रहा यह स्कूल कई प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना हासिल कर चुका है। जिले के अधिकारी ही नही राज्य के अधिकारी भी इस स्कूल की पीठ थपथपा चुके हैं। पोटिया स्कूल के शिक्षक पवन सिंह छात्रवृत्ति परीक्षा के मुख्य पथ प्रदर्शक है। छात्रवृत्ति परीक्षा से गांव के पालको में जागरूकता आई है। पोटिया स्कूल से पिछले 10 वर्षों में कुल 38 विद्यार्थी चयनित हुए है। वर्ष 2020 में चितेश्वरी, नेगिता, मानसी, गौरी, नीलिमा, कोनिका,  भेखराज, निखिल, गिरिराज और आयुष चयनित हुए।
स्कूल के शिक्षक स्टाफ ने समय-समय पर जन समुदाय से स्कूल की साज सज्जा और सुविधाएं बढ़ाने के लिए सहयोग भी लिया है। स्कूल की शैक्षिक सुविधाएं बढ़ाने और साज सज्जा के लिये बीते 8 साल में शिक्षकों ने मिलकर लगभग 4 लाख रुपये अपने वेतन से दिये हैं। शिक्षकों द्वारा तन-मन-धन से सहयोग के साथ यह स्कूल कामयाबी की ऊंचाईयां हासिल कर रहा है। स्कूल की शानदार लाइब्रेरी, बच्चों का अनुशासन, स्वच्छता और साज सज्जा के साथ पढ़ाई के लिए किये गए नवाचार से यहां के शिक्षकों ने यह मुकाम हासिल किया है।

एक बार स्कूल की विजिट कर यहां की उपलब्धियां देख लेंगे तो आप भी कहेंगे …  शाबास पोटिया स्कूल … शाबास ।   

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