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स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कार्यक्रमों की मानिटरिंग कर रहे अधिकारियों की जमकर क्लास ली। कलेक्टर ने साफ कहा कि शासन की फ्लैगशिप योजनाओं का टार्गेट पूरा करना सबसे महत्वपूर्ण टास्क है। इसमें किसी भी तरह की कमी हो रही है अगले महीने तक ठीक करें। 15 सितंबर को दोबारा स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक होगी। बेहतर नतीजे नहीं मिलने पर मानिटरिंग अधिकारियों और अमले पर कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना की वजह से हेल्थ मशीनरी पर बड़ी जिम्मेदारी आई। दूसरी लहर के बाद अब मौका है कि पीक के दौरान जो काम नहीं हो सके, उन्हें पूरा कर लिया जाए। बैठक में निगम आयुक्त भिलाई ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना, रिसाली आयुक्त प्रकाश सर्वे, सीएमएचओ डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कोविड कंट्रोल की समीक्षा – कलेक्टर ने कहा कि कोविड मैनेजमेंट का काम सर्वोच्च प्राथमिकता से होना चाहिये। इसके लिए पहले की रणनीति की तरह ही स्ट्रीट वेंडर, सर्वाधिक जोखिम वाले वर्गों की रैंडम सैंपलिंग करते रहें। रेलवे और बस स्टैंड में पहले की तरह सैंपलिंग होती रहे। अधिकारियों ने बताया कि हर दिन लगभग 2800 सैंपलिंग हो रही है। रेलवे स्टेशन में भी सैंपलिंग हो रही है। इनमें बाहर से आए 17 पाजिटिव मरीजों को ट्रेस किया गया है। अब तक 14 कंटेनमेंट जोन बनाये गए हैं यहां सख्त मानिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि कुम्हारी क्षेत्र में ज्यादा मामले सामने आए हैं। कलेक्टर ने यहां सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने टीकाकरण की समीक्षा भी की और कहा कि बेहतर रणनीति से अधिकाधिक टीकाकरण कराने का प्रयत्न करें।
डेंगू के अब तक 11 मामले
डेंगू के अब तक 11 मामले जिले में आ चुके हैं। इनमें से छह मामले दूसरे जिलों से हैं। इनमें 4 नागपुर, 2 रायपुर और 1 हैदराबाद से हैं। कलेक्टर ने डेंगू नियंत्रण की कार्रवाई प्रभावी रूप से जारी रखने के निर्देश दिये। उन्होंने हाट स्पाट में व्यापक रूप से टैमीफास का छिड़काव करने के निर्देश भी दिये। अधिकारियों ने बताया कि अभी डेंगू के 10 हजार से ज्यादा टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं।
कुष्ठ के 145 नये मरीज चिन्हांकित
कलेक्टर ने टीबी और कुष्ठ जैसे रोगों के मरीजों के चिन्हांकन पर किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि कुष्ठ के 145 नये मरीज चिन्हांकित किये गये हैं। टीबी के 963 मरीज चिन्हांकित किये गये हैं। कलेक्टर ने कहा कि सभी स्लम बस्तियों, औद्योगिक क्षेत्रों में गहन रूप से सर्वे कर टीबी के मरीज चिन्हांकित करें और चिन्हांकन के तुरंत बाद उनका उपचार आरंभ करें।
बालिकाओं के हीमोग्लोबिन जाँच के लिए लगेंगे कैंप
कलेक्टर ने बालिकाओं के हीमोग्लोबिन जांच के लिए विशेष तौर पर कैंप लगाने के निर्देश दिये ताकि अधिकाधिक बालिकाओं में एनीमिया की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में हीमोग्लोबिन की जाँच की जाए।
कलेक्टर ने संस्थागत डिलीवरी को बढ़ावा देने की दिशा में हो रहे कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना बेहद जरूरी है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाले मामलों की विशेष मानिटरिंग आवश्यक है।