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छत्तीसगढ़ के वनांचल में उगाई जाने वाली कोदो-कुटकी और रागी फसल को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य में मिलेट मिशन की शुरूआत की गई है। इस मिशन से वनांचल में लोगों के पोषण स्तर पर वृद्धि होगी। इन फसलों के वैल्यु एडिशन से रोजगार भी मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर कोदो-कुटकी के लिए समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना में इन फसलों को शामिल कर इनके लिए इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इससे किसान इन फसलों की खेती के लिए उत्साहित हैं।
लघु धान्य फसलों में पाए जाने वाले भरपूर पोषक तत्वों को ध्यान में रखते हुए उत्तर बस्तर कांकेर जिले में जिला प्रशासन और कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जिले के किसानों को मिलेट मिशन के तहत उन्नत खेती के लिए जानकारी दी जा रही है। कोदो-कुटकी के उत्पादन और संग्रहण के लिए किसान विकास समिति का गठन किया गया है, जिसमें 300 परिवार जुड़े हैं।

लघु धान्य फसलों के वैल्यु एडिशन के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर और दुर्गुकोंदल विकासखण्ड के ग्राम गोटुलमुण्डा में प्रसंस्करण इकाई लगाई गई है। दोनों इकाईयों में एक-एक महिला समूहों द्वारा प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। इन प्रसंस्करण इकाईयों में पिछले 6 माह में लगभग 800 क्विंटल से अधिक कोदो-कुटकी और रागी का प्रसंस्करण किया गया है। संग्रहण और प्रसंस्करण कार्य में लगे हुए स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 850 से अधिक मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

जिला प्रशासन की पहल पर लघु धान्य फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों और महिला समूहों को इस प्रसंस्करण केन्द्र से जोड़ा गया है। समूह के माध्यम से कृषकों के उत्पाद का संग्रहण कर प्रसंस्करण इकाई में महिला समूह के माध्यम से प्रसंस्करण कर पैकेजिंग का काम किया जा रहा है। केन्द्र में तैयार किए गए उत्पाद आंगनबाड़ियों के माध्यम से कुपोषित, रक्त अल्पतता से ग्रसित व गर्भवती माताओं और कुपोषित बच्चों को कोदो चावल खिचड़ी के रूप में और रागी को हलवा के रूप में प्रदाय किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य न केवल 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है बल्कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का विस्तार करते हुए अब कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपए और धान के बदले कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।