मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मंत्रालय में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ के सांसदों की बैठक बुलाई लेकिन बैठक में भाजपा का कोई भी सांसद नहीं पहुंचा। बैठक में सिर्फ कांग्रेस के तीन सांसद मौजूद रहे। कुछ सांसदों ने व्यस्तता के कारण उपस्थित न हो पाने की सूचना दी। मुख्यमंत्री ने सांसदों से कहा कि केन्द्र सरकार से बीते साल की तरह इस बार भी केन्द्रीय पूल से छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का मुद्दा उठाएं।
बघेल ने बैठक में कहा कि किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार इस साल भी किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी करेगी। इस साल लगभग 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीद कर किसानों से किया गया वायदा पूरा किया। इस साल भी 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी करेंगे। बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, लोकसभा सांसद डॉ. ज्योत्सना महंत, दीपक बैज और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 में यह तय किया था कि अगर राज्य सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बोनस देगी उनसे सेन्ट्रल पूल में चावल नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद पूर्व में दो साल तक इस प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से चावल लिया गया। वर्ष 2019-20 में सेन्ट्रल पूल में प्रधानमंत्री से प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री और केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र भी लिखा गया है, लेकिन वहां से असहमति का पत्र भेजा गया है। पत्र में लिखा है कि 2500 रूपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी से बाजार अव्यवस्थित हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2500 रूपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी से किसान खुशहाल हुए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, किसानों और व्यापारियों से आग्रह किया कि वे किसानों के हित में सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन करने प्रधानमंत्री को पत्र लिखें।