
- 4 दिन पहले दुर्ग नगर निगम की एमआईसी में पार्षद निधि से गरीब परिवारों को राशन की व्यवस्था करने का फैसला लिया गया था
द सीजी न्यूज
लॉक डाउन की स्थिति से निपटने राज्य शासन ने राज्य के सभी नगर निगमों व निकायों में जरूरतमंद गरीब परिवारों की मदद के लिए निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार पार्षदों की पार्षद निधि की राशि से वार्ड के गरीब मजदूर परिवारों के लिए राशन व अन्य जरूरी सामग्री की खरीदी की जा सकती है। खास बात ये है कि राज्य में सबसे पहले दुर्ग नगर निगम की एमआईसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग नगर निगम की तर्ज पर सभी निकायों में पार्षद निधि से जरूरतमंद परिवारों को मदद पहुंचाने कहा है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने सभी निकायों लॉकडाउन और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि शासन ने सभी निकायों को पार्षद निधि से गरीबों की मदद के लिए राशन सामग्री खरीदी करने की स्वीकृति दी गई है। महापौर धीरज बाकलीवाल ने बताया कि 3 अप्रैल को एमआईसी की विशेष बैठक बुलाकर निगम के सभी वार्डों के पार्षदों की पार्षद निधि से वार्डों में रहने वाले गरीब मजदूर परिवारों को राशन, अनाज उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया था। इस प्रस्ताव को राज्य शासन ने 4 मार्च को स्वीकृति प्रदान कर दी।
महापौर ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि दुर्ग नगर निगम की तर्ज पर प्रदेश के अन्य निकायों में भी पार्षद निधि की राशि का उपयोग गरीब परिवारों को राशन, अनाज आदि सामग्री की व्यवस्था करने में किया जा सकेगा। इसकी स्वीकृति दी गई है। महापौर ने कहा कि शहर विधायक अरुण वोरा के सुझाव पर एमआईसी ने पार्षद निधि से खाद्यान्न वितरण का प्रस्ताव पास किया था।
इस फैसले से दुर्ग निगम क्षेत्र में जरूरतमंद परिवारों तक राशन उपलब्ध कराना संभव हो गया है, जिनके राशन कार्ड अभी तक नहीं बन पाए हैं। महापौर ने शासन से निगम को सस्ता चावल उपलब्ध कराने की मांग भी रखी है। पार्षद निधि से खाद्यान्न वितरण के प्रस्ताव की सराहना दूसरे निकायों के महापौरों ने भी की है।
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