- पीलिया, डायरिया से कई बार दर्जनों लोगों की मौत का दंश झेल चुके दुर्ग शहर में सेवाभावना के साथ टीम वर्क का उत्कृष्ट मॉडल देखने मिला
- जब फंड नहीं था फिर भी शुरू कर दी निराश्रित लोगों की भोजन व्यवस्था
- जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम के साथ सैकड़ों समाजसेवी बने आशीर्वाद और प्रशंशा के पात्र
द सीजी न्यूज
बीते दो दशकों में गंदगी, गंदे पानी की सप्लाई के कारण पीलिया, डायरिया से कई बार दर्जनों लोगों की मौत का दंश झेल चुके दुर्ग शहर में कोविड 19 की महामारी से बचाव और रोकथाम और लोगों को राहत देने के अभियान में टीम वर्क का उत्कृष्ट मॉडल देखने मिला। विधायक अरूण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल की जोड़ी ने बीते डेढ़ माह से ज्यादा समय से महामारी से बचाव के उपायों और जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाने पर पूरा फोकस किया।
महामारी नियंत्रण और राहत देने का अभियान शुरू करने से पहले बारीकी से प्लानिंग की गई। जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के समन्वय और सहयोग से योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू किया गया। महामारी के संकट के खतरे के बावजूद विधायक अरूण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल घर से बाहर निकलकर आम जनता से संपर्क करते रहे। सेनेटाइजेशन, सफाई व्यवस्था के माध्यम से महामारी नियंत्रण और जरूरतमंद लोगों को राहत देने के महाअभियान की खुद मॉनिटरिंग करते रहे। परेशानहाल लोगों की सुध लेते रहे। इसके नतीजे काफी सुखद रहे। शहर में कोविड-19 का फैलाव नहीं हुआ।
सबसे बड़ी बात 32 हजार से ज्यादा बीपीएल परिवारों वाले दुर्ग शहर में एक भी शख्स भूखा नहीं सोया। निराश्रित और परेशानहाल लोगों को बेहतर व्यवस्था के साथ दो वक्त का भोजन परोसा गया। 46 हजार से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को सूखे राशन के पैकेट पहुंचाने का महाअभियान भी सफलता से चलाया गया। राशन वितरण व्यवस्था के कुशल प्रबंधन की बानगी देखिये, बीपीएल वर्ग के शहर के करीब डेढ़ लाख लोगों में पिछले डेढ़ माह में कहीं पर भी असंतोष नहीं जताया। इस महासंकट के दौर में मानवसेवा के जज्बे के साथ लगातार सक्रियता के कारण विधायक अरूण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल ने लोगों की ढेर सारी दुआएं बटोरी। लोगों ने इस जोड़ी को भरपूर आशीर्वाद दिया।
आशीर्वाद और प्रशंशा के पात्रों में विधायक और महापौर के साथ निगम कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन और नगर निगम की पूरी टीम भी रही। स्वास्थ्य विभाग का अमला लगातार जिला अस्पताल सहित प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में स्वास्थ्य सेवाएं देता रहा। हेल्थ वर्करों की टीम घर-घर जाकर सर्वे करती रही। कलेक्टर अंकित आनंद के नेतृत्व में प्रशासनिक अमला संक्रमण से बचाव के लिए जारी अभियान की प्लानिंग, क्रियान्वयन और निगरानी में जुटा रहा। एसपी अजय यादव के नेतृत्व में पुलिस विभाग का अमला दिन-रात सड़कों पर, चौक-चौराहों पर मुस्तैदी से ड्यूटी करता रहा। लॉकडाउन के कारण सड़कों की निगरानी करते पुलिस विभाग के अमले को दिन भर चाय तक नसीब नहीं हुई।
और हां… सरकारी अमले के साथ जबर्दस्त तरीके से असरकारी काम करने वाले समाजवीरों को कौन भूल सकता है, जिन्होंने इस संकट काल में भूखों को भोजन देने में अभूतपूर्व योगदान दिया। किसी ने रकम दान की तो किसी ने राशन सामग्री दान की। किसी ने भोजन परोसा। न जाने कितने समाजों के पदाधिकारी, न जाने कितने नौजवान, न जाने कितना बड़ा प्रशासनिक तंत्र … इस महाअभियान में लगातार जुटा रहा। बिना थके … लगातार काम करते रहे। इन तमाम लोगों को शहर के लोगों की दुआएं मिलती रही। आशीर्वाद मिलता रहा।
क्या कहते हैं हमारे जनप्रतिनिधि
विधायक अरूण वोरा ने बताया कि कोरोना महामारी फैलते ही देश-दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह दुर्ग में भी महामारी को लेकर दहशत थी। लॉकडाउन के कारण हजारों जरूरत मंद परिवारों की जरूरतों को लेकर भी काफी ज्यादा चिंता रही। घरों में बंद लोगों के पास राशन है या नहीं, यह चिंता सताती रही। मेरे शुभचिंतक लगातार समझाते रहे कि संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही रहो, लेकिन शहरवासियों के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्यबोध के कारण मैंने लगातार शहर के अलग-अलग हिस्से का भ्रमण करता रहा। वोरा ने कहा कि हर वार्ड में घूम-घूम कर लोगों से जानकारी लेते रहे कि बस्ती के लोगों को राहत सामग्री मिली है या नहीं। कोई परेशानी तो नहीं है। शहर के सभी जरूरतमंद लोगों की सहायता करने का पूरा प्रयास किया। ईश्वर को धन्यवाद … मेरे दुर्ग शहर में कोई भूखा नहीं सोया। सभी जरूरतमंद लोगों को राहत दी गई। जनसेवा का मिशन थमेगा नहीं, जारी रहेगा। इस पुण्य कार्य में जुटे समाजसेवा से जुड़े सभी समाजों, सामाजिक संस्थाओं के साथ जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम का आभार व्यक्त करता हूं।
महापौर धीरज बाकलीवाल ने बताया कि इस भीषण संकट के दौर में विधायक अरूण वोरा से बहुत सारे सबक सीखने का मौका मिला। सबसे बड़ी बात यह सीखी कि मानव सेवा से बढ़कर कोई काम नहीं होता। लॉकडाउन लागू होते ही विधायक वोरा ने सबसे पहले शहर के निराश्रित लोगों की फिक्र की। उनके मार्गदर्शन में भूखों के लिए भोजन परोसने की व्यवस्था शुरू की गई। बाकलीवाल ने बताया कि उस समय भोजन की व्यवस्था के लिए हमारे पास फंड नहीं था। विधायक वोरा ने लगातार हिम्मत बढ़ाई। उन्होंने कहा कि फंड की चिंता मत करो, पहले तैयारियां शुरू करो। उनसे मिली हिम्मत के कारण आनन-फानन में सारी व्यवस्थाएं हुई। धीरे-धीरे फंड की व्यवस्था भी होने लगी। आज स्थिति ये है कि दुर्ग शहर में करीब 46 हजार से ज्यादा परिवारों को सूखा राशन बांटा जा चुका है। अगले कुछ दिनों में यह आंकड़ा 50 हजार से भी ज्यादा बढ़ेगा। महामारी नियंत्रण और भूख से राहत के इस महाअभियान की सफलता में विधायक वोरा के अलावा सभी कोरोना फाईटर्स, प्रशासनिक अमला और पुलिस विभाग और समाजसेवा के कार्य में जुटे लोगों का अभूतपूर्व योगदान है। उन सबको नमन करता हूं। उनके सहयोग के बिना यह काम पूरा कर पाना संभव नहीं था।