कोरोना के संकट काल में केंद्र सरकार को आर्थिक संकट से जूझ रही जनता को राहत मिलना था, लेकिन मोदी राज में उलटी गंगा बह रही है। रविवार को पेट्रोल-डीज़ल की दरें फिर बढ़ गई। इस बार नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। इस बार कीमतों में 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है जबकि पेट्रोल की कीमत में 35 पैसे की बढ़त की गई। पिछले 15 दिनों में दिल्ली में पेट्रोल की दरों में कुल 8 रुपए 88 पैसे प्रति लीटर हुई है। डीज़ल की कीमतों में 7 रुपए 97 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि पिछले एक पखवाड़े में की गई है। डीज़ल के दाम ने अब तक का रिकार्ड स्तर पार कर लिया है।
दिल्ली में पेट्रोल की दरें शनिवार को 78 रुपए 88 पैसे प्रति लीटर से बढ़कर 79 रुपए 23 पैेसे प्रति लीटर कर दी गईं। डीज़ल की कीमतें 77 रुपए 67 पैसे प्रति लीटर से बढ़ कर 78 रुपए 27 पैसे प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है। मुंबई में ग्राहकों को आज एक लीटर पेट्रोल के लिए 86 रुपए 4 पैसे का भुगतान करना पड़ा। यहां डीज़ल की कीमत रु 76.69 प्रति लीटर हो गई।
इससे पहले 16 अक्टूबर 2018 को डीज़ल की दरें इतनी उंचाई पर पहुंची थीं। उस समय दिल्ली में कीमतें 75 रुपए 69 पैसे प्रति लीटर हो गई थीं। सबसे अधिक पेट्रोल की कीमत का रिकॉर्ड 4 अक्टूबर 2018 को राजधानी दिल्ली के नाम पर दर्ज है। यहां 84 लीटर प्रति लीटर डीजल बिका था। सरकार ने इस साल मार्च की शुरुआत में पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी में 3 रु प्रति लीटर की बढ़ोतरी की। 5 मई को इसे पेट्रोल के लिए 10 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल के लिए 13 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ाया गया। इसके कारण सरकार की कमाई में 2 लाख करोड़ रुपए का इज़ाफा हुआ।