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कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के निर्देश पर शहर में हो रही अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। अवैध प्लाटिंग वाले स्थानों की जांच के लिए दल का गठन किया जा चुका है। आज जिला प्रशासन और निगम प्रशासन की संयुक्त टीम ने टोल प्लाजा के पास मनोज ले-आउट प्राइवेट लिमिटेड के अवैध प्लाटिंग स्थल की जांच की। टीम ने यहां पहुंचकर पंचनामा बनाया। मनोज ले-आउट प्राइवेट लिमिटेड की भूमि पर किये गए निर्माण, मार्ग सरंचना को हटाने का निर्णय लिया गया है।
इस दौरान निगम कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन, अनुविभागीय अधिकारी खेमलाल वर्मा, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के प्रभारी संयुक्त संचालक विमल बगवैया, सहायक संचालक प्रतीक दीक्षित, एसआरए वर्षा दीवान मिश्रा, भवन अधिकारी प्रकाशचंद थवानी, निगम के सहायक भवन अधिकारी गिरीश दीवान, भवन निरीक्षक विनोद मांझी, पटवारी रामस्वरुप पटेल, राजस्व निरीक्षक सुनीति निषाद ने अवैध प्लाटिंग करने वाले मनोज राजपूत की मौजूदगी में कार्रवाई की।
बता दें कि दुर्ग शहर के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में अवैध प्लाटिंग की शिकायतें मिली हैं। यह काम कई संबंधित विभागों के अफसरों की जानकारी के बावजूद कई साल से हो रहा है। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर अब अवैध प्लाटिंग करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। कलेक्टर ने नगर निगम दुर्ग, अनुविभागीय अधिकारी जिला प्रशासन, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग संचालक के अफसरों की टीम बनाकर अवैध प्लाटिंग की जांच करने निर्देश दिये हैं।
जांच करने पहुंचे अफसरों की टीम को मनोज राजपूत ने बताया कि कालोनी निर्माण के लिए विकास कार्य किये गए हैं। ग्राम निवेश विभाग से ले-आउट अनुमोदित नहीं कराया गया है। नगर निगम, दुर्ग से अनुमति भी नहीं ली गई है। यहां पर मार्ग संरचना व कार्यालय भवन के साथ ही प्लाटिंग के लिए सीमेंट पोल्स व बारबेड फेसिंग वायर पाया गया। स्थल पर सोलर स्ट्रीट लाईट पोल्स भी लगे हैं। किसी भी प्रकार की विधिवत अनुमति न होने के कारण मार्ग संरचना हटाने का निर्णय टीम ने लिया है।