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रायपुर के बनचरौदा सहित कई गांवों में बने गोबर के दीये पिछले साल दिवाली में देश की राजधानी दिल्ली में सजे थे। अब इन दीयों की रौशनी लंदन में भी फैलेगी। भिलाई की महिलाओं द्वारा बने गोबर से बनी सजावटी सामग्री को लंदन से भी ख़रीददार मिलने लगे हैं। इसके अलावा लखनऊ, महाराष्ट्र के मुंबई, अकोला, पंजाब, उत्तराखंड, रायपुर, राजनांदगांव ,कोरबा से भी आर्डर मिले रहे हैं।
उड़ान नई दिशा संस्था की निधि चन्द्राकर ने बताया कि आज ही उन्होंने लंदन भेजने के लिए दीये ,वंदनवार, वाल हैंगिंग की डिलीवरी दी है।रायपुर निवासी पारख परिवार के एक सदस्य लंदन में रहते हैं। पारख परिवार के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ में गोबर से बनी इतनी सुंदर वस्तुओं को लंदन भेजने का फैसला किया ताकि देश से मीलों दूर रहने वाले भारतीय घर-आंगन में गोबर के दीये रौशन कर सकें। इससे उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ाव महसूस होगा।
नंदौरी गाँव की महिलाओं ने यूट्यूब पर सीखा गोबर से दीये बनाना, अब दूसरों को सिखा रहीं
धमधा जनपद के नंदौरी के संगवारी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रानी लक्ष्मी बाई बंछोर ने बताया कि सरकार की नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बारी योजना, गोधन न्याय योजना के बारे में जानकारी मिलने पर गांव की महिलाओं ने स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाया गया। समूह बनाकर गोबर से दीये बनाने का तरीका यूट्यूब देखकर सीखा। अब वे दूसरों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। राजनांदगांव के दूरस्थ मानपुर जनपद से भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर जा चुकी हैं। पाटन के कई क्लस्टर की महिलाओं को भी इस समूह ने गोबर से दीये बनाना सिखाया है। ये दीये 30 से 35 रुपए दर्जन में उपलब्ध हैं।