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कथित किसान आंदोलन में लेफ्ट माओवादी घुस गए, देश की सुरक्षा के लिए खतरा – सरोज पांडेय

  • राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर बड़ा हमला बोला
  • टुकड़े-टुकड़े के नारे लगाने वाले आंदोलन में घुसना देश की सुरक्षा के लिए खतरा 
  • किसानों के हितों के लिए मोदी सरकार ने बनाया कृषि कानून

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने आज किसान आंदोलन लेकर विपक्षी दलों समेत टुकड़े टुकड़े के नारे लगाने वालों पर बड़ा हमला बोला। सरोज ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह आंदोलन सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है। विपक्षी दल ऐसे लोगों के साथ खड़ा है, जो टुकड़े-टुकड़े के नारे लगा रहे हैं। आंदोलन स्थल पर जिस तरह के नारे लग रहे हैं और घटनाक्रम घटित हो रहा है, उससे साफ जाहिर है कि बात कुछ हो रही है और मंशा कुछ और है।

सरोज ने कहा कि आंदोलन स्थल पर आतंकियों को छोड़ने की मांग करने, पाकिस्तान के समर्थन की आवाजें उठने, पीएम की हत्या की बातें करने, खालिस्तान समर्थन के नारे लगाने से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि यह आंदोलन गहरी साजिश का हिस्सा है। किसान आंदोलन में ऐसे तत्व घुस आए हैं जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। आंदोलन में लेफ्ट माओवादी घुस आए हैं और ये लोग इस आंदोलन को बदनाम करने के साथ ही किसानों को गुमराह कर रहे हैं। साफ संकेत मिल रहे हैं कि आंदोलन में ऐसे तत्व घुस गए हैं, जिनका उद्देश्य देश में अराजकता फैलाने और सरकार को बदनाम करने के सिवा कुछ नहीं है।   

सरोज ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि जब संसद में कृषि बिल पर चर्चा हो रही थी, उस समय कांग्रेस पार्टी ने सदन का बहिस्कार कर दिया था। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्ष्रर के बाद कानून बनने तक पूरे देश में किसान शांत रहे। सदन में चर्चा और बहस के बाद कृषि कानून बनाए गए हैं, जिसका पूरे देश में स्वागत हुआ है। कानून बनने के काफी समय बाद अचानक कृषि कानूनों का विरोध शुरू होना सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। चंद किसानों को सामने रखकर मोदी सरकार को घेरने के लिए आंदोलन की साजिश रची गई।

सरोज ने कहा कि कृषि कानून का विरोध केवल पंजाब के किसानों द्वारा हो रहा है। जहां कांग्रेस की सरकार है। मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं के हितों के लिए कानून बनाया है। जिन विषयों को लेकर आंदोलन चल रहा है, उन सभी भ्रांतियों को सरकार ने दूर करने का प्रयास किया, लेकिन कई दौर की बातचीत के बावजूद समाधान निकालने की दिशा में कथित आंदोलनकारी आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

सरोज ने कहा कि किसानों को समृद्ध बनाने और बिचौलियों को अपना घर भरने से रोकने के लिए कृषि कानून बनाए गए हैं। किसान अपनी उपज को मंडी में भी बेच सकते हैं और मंडी के बाहर भी बेच सकते हैं। इसके बावजूद बार बार किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों की उपज खरीदी बिक्री को लेकर विवाद का समाधान न होने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर सजा का प्रावधान पहली बार किया गया है। तीन दिनों में किसानों को भुगतान की गारंटी की गई है। किसानों के हितों के लिए व्यापक प्रावधानों के बावजूद आंदोलन किये जाने से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल भ्रांति फैला रहे हैं।

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