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21 दिसंबर को अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित अनेक पदों पर रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के निधन के बाद उनके भाषण का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। यह भाषण 23 मार्च 2020 को राज्यसभा सांसद के रूप में विदाई के अवसर पर दिया गया था। स्व. वोरा का अंतिम भाषण सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
अपने संसद में दिए गए अंतिम भाषण में वोरा ने नगर पालिका के पार्षद बनने के बाद से मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री बनने तक के सफर की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पद आते जाते रहते हैं। हमेशा विनम्र बने रहना चाहिए। वरिष्ठ नेता ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की – अभी भी मीलों चलना है। न जाने कितने मील और चलेंगे और फिर … आपके बीच लौटकर आएंगे।
अपने भाषण में वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने बताया कि यूपी के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे 26 किलोमीटर लंबी सड़क पर गड्ढे होने का जिक्र करते हुए बनाने का आग्रह किया था जिसे उन्होंने तत्काल शुरू कराया। एक अन्य वाकये का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार वे बिना अनुमति लिए केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली के कक्ष में चले गए और वहां अमित शाह सहित अन्य नेताओं के होने के बावजूद जेटली ने उन्हें भीतर ले जाकर उनकी बातें सुनी।
भाषण के दौरान वोरा ने हल्के फुलके अंदाज में अपने अनुभव सुनाए, जिस पर राज्यसभा सांसदों ने ठहाके लगाए। उनके अंतिम वाक्य – अभी मीलों चलना है … फिर आपके बीच लौटकर आएंगे … पर सांसदों ने मेज थपथपाकर 92 वर्षीय वोरा के जज्बे और जोश की सराहना की। उनके निधन के बाद यही वीडियो वाट्सएप, फेसबुक सहित सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म में वायरल हो रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा 92 साल की उम्र में भी न सिर्फ राज्यसभा में सांसद के रूप में सक्रिय रहे बल्कि पार्टी व कई संस्थाओं की जिम्मेदारियां भी संभालते रहे। उनके इस जज्बे की सराहना आम जनता भी कर रही है।