- पिछले 15 साल से दुर्ग नगर निगम के जनसंपर्क विभाग का हाल-बेहाल
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
दुर्ग नगर निगम का विभागीय अमला किस तरह काम करता है? इसका अंदाज लगाने के लिए जनसंपर्क विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति पर नजर डालें। 15 फरवरी को फ्लॉवर शो के सफल आयोजन के बाद नगर निगम प्रशासन की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इस विज्ञप्ति में कार्यक्रम का ब्यौरा दिया गया है। फ्लॉवर शो का आयोजन जितना शानदार रहा उतनी ही बोगस विज्ञप्ति जारी की गई। करीब डेढ़ दशक पहले जनसंपर्क अधिकारी लवकुश सिंगरौल के प्रमोशन के बाद से दुर्ग नगर निगम के जनसंपर्क विभाग में जन संपर्क अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई। विभाग की जिस तरह दुर्गति हुई है, उसका अंदाज लगाने के लिए यह प्रेस विज्ञप्ति काफी है।
हिंदी व्याकरण, पूर्ण विराम, कॉमा, मात्रा सहित अन्य कई गलतियों को नजरअंदाज कर दें तो भी इन गलतियों पर नजर डालकर आप हंसकर लोटपोट हो जाएंगे। अंत में आप यही कहेंगे कि … सचमुच बीते दो दशकों में दुर्ग नगर निगम का हाल बदतर हो चुका है ? 20 साल तक नगर निगम में फैले रायते को समेटना महापौर धीरज बाकलीवाल के लिए बड़ी चुनौती है।
1 हेडिंग में लुत्फ की जगह लिखा गया है लुफ्त ( लुफ्त शब्द की इंग्लिश मीनिंग है मिसिंग )
2 विधायक वोरा की जगह लिखा है विधायक गोरा
3 हाल के वर्षों की जगह लिखा है हा के वर्षों
4 सौंदर्यीकरण की जगह नया शब्द गढ़ा गया है सुंदरीकरण (हो सकता है कि यह शब्द हिंदी शब्दकोष में हो लेकिन हम सामान्य रूप से सौंदर्यीकरण शब्द का उपयोग करते हैं)
5 आज विकास कार्य की जगह लिखा है आप विकास कार्य
6 इसके आगे अबूझ पहेली लिखी गई है, जो हमें समझ नहीं आई है – नगर निगम गुरूजी के द्वारा
7 इसी लाइन में एक और अबूझ पहेली है – मुर्गी और आसपास की जनता यह जानती थी
8 तीसरी अबूझ पहेली – मैत्री गार्डन में ही आवास का आयोजन होता है।
9 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल गोधन योजना का नया नामकरण किया गया है को धन्य योजना
10 चौथी अबूझ पहेली – पीवीसी विषय पर विधायक और हमसे चर्चा करने के साथ ही
आपको बता दें कि हर दिन जारी होने वाली नगर निगम की प्रेस विज्ञप्ति में अत्यधिक गलतियां रहती हैं। फ्लॉवर शो के बाद जारी विज्ञप्ति में भी बेशुमार गलतियां थी। हालत ये है कि जिस जनसंपर्क विभाग पर नगर निगम की छवि गढ़ने की जिम्मेदारी है, उस विभाग ने छवि गढ़ना तो दूर निगम की छवि बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। निगम में पिछले डेढ़ दशक से एक जनसंपर्क अधिकारी की नियुक्ति न होना भी नगर निगम की प्रशासनिक व्यवस्था की दुर्गति की ओर इशारा करती हैं।
बहरहाल … आप भी इन गलतियों और अबूझ पहेलियों का लुफ्त ओह … सॉरी लुत्फ उठाइये।