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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश के विधायकों समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करते हुए कोरोना संकट के कारण उत्पन्न हुए हालात का जायजा लिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग में महापौर धीरज बाकलीवाल ने मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए दुर्ग में कोरोना पीड़ितों के लिए 200 बेड का कोविड सेंटर शीघ्र खोलने की मांग की है। महापौर ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए आक्सीजन सुविधायुक्त बेड, वेंटिलेटर बेड आदि सभी सुविधाओं के साथ कोविड सेंटर खुलने से मरीजों को राहत मिलेगी। समय पर उनका इलाज हो सकेगा।
महापौर ने मुख्यमंत्री से एक और समस्या का जिक्र करते हुए बताया कि कोरोना के लक्षण दिखने पर लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट होता है। इसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है जिसकी रिपोर्ट आने में चार-पांच दिन या इससे भी ज्यादा समय लग जाता है। इस दौरान लक्षण वाले मरीज की रैपिड टेस्ट निगेटिव होने पर उसे किसी भी कोविड अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता है और इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती है। चार पांच दिन बाद आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर ही कोविड अस्पतालों में भर्ती कर इलाज शुरू होता है। इलाज में देरी के कारण लोगों की हालत बिगड़ जाती है।
महापौर ने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए कम से कम 50 बेड की सुविधा के साथ आइसोसेशन सेंटर शुरू होना चाहिए ताकि, ताकि डॉक्टरों की देखरेख में मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके। महापौर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी, जिला अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने सहित अन्य मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने की मांग भी की है।