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वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने कहा है कि राष्ट्रीय आपदा के दौर में केंद्र और राज्य सरकार परस्पर सहयोग से ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है। मीडिया में प्रसारित खबरों के अनुसार पीएम केयर फंड की राशि से आर्डर किए गए वेन्टीलेटर्स गोदामों में पड़े हैं। अधिक संक्रमण वाले राज्यों से लगातार इसकी मांग की जा रही है। वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। लेकिन, केंद्र सरकार कांग्रेस शासित राज्यों के साथ समानता का व्यवहार नहीं कर रहा।
वोरा ने कहा कि लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य सरकारों पर अस्पतालों में सुविधा बढ़ाने और क्षमताओं में विस्तार करने का जिम्मा है। इस कार्य में आर्थिक सहयोग करने की जगह 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का खर्च राज्यों पर डाला जा रहा है जो किसी भी हालत में न्यायोचित नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के आर्थिक अधिकार सीमित हो गए हैं। जीएसटी की क्षतिपूर्ति भी केंद्र द्वारा समय पर प्रदान नहीं की जा रही है।
वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने पूरी क्षमता के साथ जुटी है। राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन पर्याप्त है। लगातार अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि की जा रही है। 4 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की संविदा भर्ती के आदेश दिए गए हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले टीकाकरण के मामले में छत्तीसगढ़ टॉप 5 राज्यों में शामिल है। कोरोना टेस्टिंग में भी राज्य अग्रणी है।
वोरा ने कहा कि भूपेश सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए लक्षण दिखने पर बिना रिपोर्ट का इन्तजार किए रोगनिरोधी किट देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। रेमडीसिविर की किल्लत को दूर करने निर्माता कंपनियों से आईएएस अधिकारी सीधे संपर्क कर आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम कर रहे हैं। जल्द ही संक्रमण पर काबू पाया जा सकेगा। इसके लिए जनसहयोग आवश्यक है। वोरा ने आम जनता से शासन की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करने की अपील की है।