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भिलाई नगर स्थित हाईटेक अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही फिर सामने आई है। ऐसा लगता है मानो हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा कोरोना वायरस फैलाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। मरीजों के इलाज के बाद निकलने वाले मेडिकल वेस्ट और डोमेस्टिक वेस्ट को मिलाकर एक पॉलिथीन में पैक कर खुले में हॉस्पिटल कैंपस के भीतर छोड़ दिया गया है। आसपास के रहवासियों ने पुरजोर विरोध करते हुए निगम प्रशासन से शिकायत की है। शिकायत मिलने के आधार पर तत्काल कार्यपालक मजिस्ट्रेट योगेंद्र वर्मा, निगम के अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारी और पुलिस बल मौके पर पहुंच गए।
कैंपस का निरीक्षण करने पर प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। कचरा सेग्रीगेशन की प्रक्रिया शुन्य नजर आई। कचरे का सेग्रीगेशन किया जा रहा है, यह कहीं भी दिखाई नहीं दिया। मेडिकल वेस्ट और डोमेस्टिक वेस्ट पूरी तरीके से खुले में पड़ा था। फटी हुई पॉलिथीन से कचरा बाहर निकल कर इधर-उधर पूरे कैंपस में फैल रहा था। पूरा परिसर बदबू से भरा हुआ था। मेडिकल वेस्ट के सिरिंज, नीडिल, रूई और खाली शीशियां व अन्य तरह के कचरे घरेलू कचरे के साथ पूरी तरह से मिक्स हो चुके थे।
संयुक्त टीम ने रैंडम पॉलिथीन खुलवाकर देखा तो पता चला कि कई प्रकार के वेस्ट एक पॉलीथिन के अंदर भरे थे, जिसे पृथक करना किसी भी खतरे से कम नहीं है। जोन आयुक्त सुनील अग्रहरि, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को बायो मेडिकल वेस्ट को अलग रखना चाहिए था, लेकिन सभी प्रकार का कचरा एक साथ मिश्रित करके खुले में छोड़ा जा रहा है।
संयुक्त टीम ने कचरे को अलग-अलग रखने की हिदायत दी है। बायो मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान और पर्यावरण संरक्षण मंडल के एक कर्मचारी द्वारा अस्पताल प्रबंधन का एकतरफा पक्ष लेने पर गहमागहमी का माहौल भी हो गया। छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के आधार पर जुर्माना की राशि तय करते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किया गया है, जिसमें निरीक्षण के दौरान संस्थान परिसर में पार्किंग क्षेत्र में खुले में बड़ी मात्रा में घरेलू, ठोस अपशिष्ट भंडारित करने के साथ ही बायो वेस्ट भी होने का उल्लेख किया गया है।
प्रतिवेदन के आधार पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मार्गदर्शिका पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत चिकित्सा संस्थान को कारण बताओ नोटिस/ पर्यावरणीय छतिपूर्ति राशि अधिरोपित करने की कार्रवाई की जाएगी। जोन आयुक्त के अनुसार आसपास के रहवासियों ने शिकायत करते हुए बताया कि हवा के माध्यम से कचरा एक स्थान से उड़कर दूसरे स्थान पर पहुंच रहा है जिससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कचरे का उचित निपटान न होने के कारण आसपास के क्षेत्र में बदबू से सभी परेशान है। आज कार्रवाई के दौरान स्मृति नगर के पुलिस बल के साथ नगर निगम से जोन स्वास्थ्य प्रभारी अंकित सक्सेना, राजस्व अधिकारी शरद दुबे, राजेश गुप्ता, पर्यावरण संरक्षण मंडल के शिव प्रसाद व नंदकुमार पटेल सहित मंडल इत्यादि मौजूद रहे।
हाईटेक अस्पताल प्रबंधन पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, फिर भी असर नहीं
अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पहले भी बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने पर जुर्माने की कार्रवाई हो चुकी है। उसके बाद भी इस प्रकार की लापरवाही हो रही है। 10 अक्टूबर 2020 को अस्पताल प्रबंधन द्वारा जूनवानी रोड चौहान टाउन के पास बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक दिया था, इसका खुलासा मेडिकल वेस्ट की जांच करने पर हाईटेक की रसीद मिलने पर प्रबंधन से 1 लॉख रुपए जुर्माना वसूल किया गया। संपत्ति कर जमा करने में भी भारी आनाकानी की गई थी। निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने सख्ती दिखाते हुए कुर्की वारंट जारी किया तब अस्पताल प्रबंधन ने संपत्ति कर की राशि जमा की थी।