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दुर्ग के पूर्व महापौर आर एन वर्मा ने कहा कि किसी भी देश में किसी भी प्रकार की हिंसा, हत्या, बलात्कार, आगजनी जैसे जघन्य और घृणित अपराध के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति दंड का भागीदार होता है। पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजे के बाद ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले ही घटित हो रही घटनाओ को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन किया गया है। इसके लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। सच ये है कि बंगाल में हिंसा के लिए केंद्र में बैठी भाजपा सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
वर्मा ने कहा कि चुनाव की घोषणा होने के दिन से ही पश्चिम बंगाल में सारी प्रशासनिक शक्तियां केंद्रीय सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के हांथो में चली गई थी। केंद्र सरकार के इशारों में मनमानी हो रही थी। चुनाव आयोग की भूमिका एक मूक दर्शक के रूप में देखने मिली। प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के सभी मंत्री और नेतागण पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के लिए हर नियम-कायदे तोड़ते नजर आए, मगर परिणाम विपरीत रहा, जो भाजपा नेताओं के लिए नागवार गुजरा।
आर एन वर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल और अन्य चार राज्यों में विधान सभा चुनाओं में जीत के लिए आम जनता के लिए कोरोना काल की सामान्य सावधानियों और प्रोटोकाल को खुद प्रधामंत्री और गृहमंत्री ने धता बताते हुए भारी भीड़ के बीच चुनाव प्रचार किया। रोड शो किये गए। आम लोगों की जान की चिंता किए बिना चुनाव जीतना उनका लक्ष्य था लेकिन पश्चिम बंगाल में पराजय उनके आत्म सम्मान को बेहद चोट पहुंचा गई। इसीलिए सारी खीझ और ठीकरा ममता बैनर्जी के सिर फोड़ा जा रहा है।
वर्मा ने कहा कि ममता बनर्जी के शपथ लेने के पूर्व की घटनाओं के लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियां जिम्मेदार हैं, जिनके हांथो में कानून व्यस्था लागू करने और शांति व्यस्था बनाए रखने का दायित्व है। चुनाव हारने के कारण ही भाजपा के लोग ,प्रजातांत्रिक तरीके से चुनाव जीतने वाली ममता बनर्जी की सरकार को षड्यंत्र पूर्वक कमजोर करना चाहती है, जो निंदनीय है।