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प्रगति नगर भिलाई की 65 वर्षीय पुष्पा तिवारी आज 28 दिनों बाद कोविड को हराकर घर लौट गई। जब वे घर से कोविड हास्पिटल जा रही थीं तब उनके पैर कमजोरी की वजह से लड़खड़ा रहे थे, आज सधे कदमों से वे हास्पिटल से डिस्चार्ज होकर निकलीं। कचांदुर स्थित सीएम हास्पिटल कोविड केयर सेंटर में एडमिट करते समय उनका आक्सीजन लेवल 65 था। अभी उनका आक्सीजन लेवल 98 तक पहुँच गया है। उन्हें शुगर और बीपी की समस्या हैं। 8 साल पहले एंजियोप्लास्टी भी कराया। इस लिहाज से उनकी रिकवरी काफी बेहतर रही है।
हॉस्पिटल के नोडल मेडिकल आफिसर डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि पहले दिन वे काफी कमजोरी महसूस कर रही थीं। आक्सीजन सपोर्ट से और इनके संक्रमण के स्तर के मुताबिक मेडिसीन प्लान कर धीरे-धीरे इनकी स्थिति नियंत्रण में आई। उनके बेटे अनमोल तिवारी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने मम्मी का पूरा ध्यान रखा। डॉक्टर तीन बार राउंड पर आते थे और मम्मी से तबियत पूछकर और इनकी रिपोर्ट देखकर आगे के प्लान के संबंध में निर्णय लेते थे। यहां आने के बाद मम्मी की स्थिति सुधरती गई। जब पहले दिन वे यहाँ आई थीं तो चल भी नहीं पा रही थीं। उनकी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 6 तारीख को आई और 9 तारीख को हास्पिटल में एडमिट कराया गया। अनमोल ने बताया कि हॉस्पिटल स्टाफ ने काफी सहयोग किया। खाने और नाश्ते की भी व्यवस्था अच्छी थी। सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के प्रति वे बेहद आभारी हैं।
बता दें कि चंदूलाल चंद्राकर कोविड हास्पिटल में कोविड संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने तेजी से आक्सीजन बेड्स तैयार कराए। हास्पिटल मैनेजमेंट के लिए अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया गया और हॉस्पिटल की कमियों को दूर करने लगातार मानिटरिंग की गई। सही समय में आक्सीजन बेड्स की व्यवस्था उपलब्ध होने और बेहतर मेडिसिन प्लानिंग की वजह से मरीजों के उचित देखभाल में काफी मदद मिली। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे और आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी भी लगातार हास्पिटल में कोविड इलाज की मानिटरिंग करते रहे। हॉस्पिटल स्टाफ और चिकित्सकों ने रात-दिन जागकर मरीजों की सेवा की। मरीजों को ठीक करने में इन कोरोना वारियर का योगदान अभूतपूर्व रहा।
92 साल की बुजुर्ग महिला का ऑक्सीजन लेवल 74 तक पहुंचा, फिर कोविड को हराकर स्वस्थ घर पहुँची, बजे नगाड़े
जामुल में 92 वर्ष की दादी माँ ने जब कोविड को मात दी तो उनका घर में स्वागत ढोल बजाकर किया गया। तीजबती के घर में सबसे पहले उनके बेटे को कोविड के लक्षण आए। माँ चिंतित हुई और खाना-पीना कम कर दिया। उनकी भी आरटीपीसीआर जाँच हुई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जामुल में सेवाभावी संस्था श्री राधा कृष्ण संस्कार मंच द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर में दादी का इलाज शुरू हुआ। संस्था के संयोजक ईश्वर उपाध्याय ने बताया कि इनका आक्सीजन लेवल 74 तक चला गया था। मरीजों की देखभाल कर रहे डॉ. शाहिद अनवर ने बताया कि सीटी स्कैन की रिपोर्ट में सीटी स्कोर 14 दिखा रहा था। इनकी रिकवरी के लिए टीम ने काफी मेहनत की। पूरी टीम जुटी और कमाल हो गया। डॉ. शाहिद अनवर ने बताया कि इतनी बुजुर्ग अवस्था में और कोमार्बिड होने के साथ इस तरह से रिकवर करना अद्भुत है। तीजबती की कहानी से बहुत से लोगों को कोविड से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी। इस उम्र में भी कोमार्बिड होने के बावजूद वो इस बीमारी से बाहर आ गईं।