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- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा से किसानों को मिली सिंचाई की संजीवनी, 1988 में लिफ्ट इरीगेशन शुरू होने के बाद यह यूनिट केवल तीन साल चली। टूट-फूट के चलते बंद कर दी गई
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाठागांव सिंचाई उद्वहन योजना की टूट-फूट की मरम्मत कर पुनः आरंभ करने दिये निर्देश, साढ़े पांच करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति से मरम्मत का कार्य समाप्ति पर
- इस खरीफ सीजन में पाटन ब्लाक के तीन गाँवों जामगाँव आर, बोरवाय और औरी व गुंडरदेही ब्लाक के तीन गाँव भाठागाँव, रनचिरई व जरवाय के किसानों को मिल पाएगा खरीफ और रबी के लिए पानी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जलसंसाधन विभाग की ऐसी संरचनाओं का जीर्णोद्धार हुआ है जिनसे बरसों से एक बूँद पानी सिंचाई के लिए किसानों को नसीब नहीं हो पाया था। भाठागाँव लिफ्ट इरीगेशन स्कीम ऐसी ही योजना थी। वर्ष 1989 में यह योजना शुरू हुई और 1992 में नहर में टूट-फूट होने की वजह से बंद हो गई। इसके चलते छह गाँवों को खरीफ फसल के दौरान मिलने वाली सिंचाई की सुविधा बाधित रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बजट में योजना के जीर्णोद्धार की स्वीकृति दी और पाँच करोड़ 51 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
जलसंसाधन विभाग ने सिविल वर्क पूरा कर लिया है। भूमि समतलीकरण का कार्य अभी चल रहा है और इलेक्ट्रिकल वर्क से संबंधित कार्य जारी है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने योजना की प्रगति का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि जून में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि योजना से संबंधित इलेक्ट्रिकल मशीनरी वाले कार्य को जून के प्रथम सप्ताह तक पूरा कर लें। योजना से खरीफ फसल और रबी फसल में किसानों को सहायता मिलेगी।
जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता सुरेश पांडे ने बताया कि योजना से 1538 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई हो सकेगी। इससे पाटन ब्लाक के तीन गाँव जामगांव आर, बोरवाय और औरी में 818 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई हो सकेगी। गुंडरदेही ब्लाक के भाठागांव, रनचिरई, जरवाय में 720 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। रबी फसल में भी एक बार का पानी किसानों को दे सकेंगे जिससे चने आदि की फसल लेने में किसानों को आसानी होगी। निरीक्षण के दौरान सहायक कलेक्टर हेमन्त नंदनवार और एसडीएम विपुल गुप्ता भी मौजूद थे।