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कोरोना की थर्ड वेव आने पर बच्चों के बड़ी तादाद में संक्रमित होने की आशंका कम : पैनिक होने की जरूरत नहीं : सावधानी बरतते हुए जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारियां

  • चंदूलाल चंद्राकर कोविड हॉस्पिटल में 25 बेड चाइल्ड आईसीयू तैयार करने का काम शुरू
  • प्राइवेट हॉस्पिटल्स को दिये गए निर्देश : किसी भी आपात स्थिति को देखते हुए अभी से तैयार करें व्यवस्था

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में इस संबंध में सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटल के मैनेजमेंट से चर्चा की गई। बैठक में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों में इम्यूनिटी अच्छी होती है अतएव इस बात की आशंका कम है कि थर्ड वेव आने पर वे बड़ी संख्या में प्रभावित हों। सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार ने कहा कि सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर इस तरह की परिस्थिति आने पर उससे निपटने सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए।

बैठक में अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई ने कहा कि जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। चंदूलाल चंद्राकर हास्पिटल में 25 बेड चाइल्ड आईसीयू बनाया जा रहा है। 35 स्टाफ नर्स को पीडियाट्रिक आईसीयू स्टाफ नर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। चाइल्ड ट्रीटमेंट से संबंधित गाइडलाइन के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट किया जा रहा है। प्राइवेट हास्पिटल्स को भी गाइडलाइन से अवगत कराया जाएगा।

ऑक्सीजन हुड की व्यवस्था रखें

बैठक में सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि बच्चे तीन आयु वर्ग के होंगे। नवजात से लेकर 6 वर्ष, 6 से 10 वर्ष और इसके बाद किशोर बच्चे। छोटे बच्चों के लिए आक्सीजन हुड की जरूरत होगी ताकि उन्हें आक्सीजन सपोर्ट देने में किसी तरह की असुविधा न हो। वेंटीलेटर बेड्स को बच्चों के मुताबिक एडजस्ट करना होगा। नवजात शिशुओं के लिए एचएफएनसी ( हाई फ्लो नैसल कैन्युला) की जरूरत होगी। सभी हास्पिटल्स इसके लिए तैयारियाँ कर लें। सबसे बड़ी जरूरत आईसीयू स्टाफ पीडियाट्रिक नर्स की होगी। आईसीयू स्टाफ नर्स को इसके मुताबिक प्रशिक्षित करना जरूरी है। इसकी ट्रेनिंग देने का काम भी पूरा कर लिया जाना चाहिए।

हर अस्पताल में मेडिसिन प्रोटोकाल चस्पा करने का सुझाव

बच्चों के मेडिसिन प्लान के संबंध में गाइडलाइन हर अस्पताल में चस्पा करने का सुझाव भी दिया गया। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों के लिए रेमडेसिविर आदि डोज का प्लान और सभी दवाओं की खुराक के प्लान हर अस्पताल में चस्पा होना चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। जितनी ज्यादा संख्या में वेबिनार होगा, इसका लाभ उतना ही ज्यादा होगा। मेडिकल आफिसर डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि इसके लिए प्रशासन द्वारा तैयारियां की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. बाल किशोर ने जिला अस्पताल में चाइल्ड केयर के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

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