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केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने आज एक महत्वपूर्ण ट्वीट किया है, जिसमें दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण के आंकड़े प्रदर्शित किए गए हैं। यह आंकड़े 51 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत से नीचे रह गए हैं। आंकड़ों के माध्यम से बताया गया है कि किस तरह से दुर्ग में लॉक डाउन को प्रभावी तरीके से लागू किया गया। उसका असर ये रहा कि कोरोना संक्रमण की गति में निरंतर गिरावट आती गई। ट्विटर में ग्राफ के माध्यम से विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार से कोरोना संक्रमण की बढ़ोतरी होने पर जिला प्रशासन द्वारा पहले नाइट कर्फ्यू और उसके बाद स्ट्रिक्ट लॉकडाउन का निर्णय लिया गया।
इसका असर हुआ और कोरोना के ग्राफ में लगातार गिरावट आई। अभी स्थिति यह है कि कोरोना संक्रमण 5 फ़ीसदी से नीचे रह गया है। दुर्ग जिले में जिन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मरीज बाहर आ रहे थे, वहां कंटेनमेंट जोन बनाए गए और प्रभावी निगरानी रखी गई। कंटेनमेंट जोन में व्यापक सैंपलिंग की गई। स्ट्रीट वेंडर और सुपर स्प्रेडर की तेजी से सैंपलिंग की गई। लॉकडाउन में तेजी से सैंपलिंग बढ़ाकर, लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति सावधान करते हुए हॉस्पिटल में संसाधन बढ़ाए गए और कोरोना संक्रमण की रोकथाम की व्यापक मॉनिटरिंग कर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को 5 फ़ीसदी से नीचे लाने में सफलता प्राप्त की है।
कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा कोरोना की तीसरी वेव की आशंका को देखते हुए भी अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है। आशंका जताई जा रही है कि तीसरे संक्रमण में बच्चे भी गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति होने पर जिले में इसके लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में काम किए जा रहे हैं। चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में बच्चों के लिए आईसीयू तैयार किया जा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल से समन्वय कर बच्चों के ट्रीटमेंट की विशेष तैयारियां सुनिश्चित की जा रही है।