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फर्जी टूलकिट मामले में बयान दर्ज कराने आज सिविल लाइन थाने ने पूर्व मूख्यमंत्री रमन सिंह को तलब किया, लेकिन वे सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भीड़ लेकर थाने पहुंच गए। कोरोना काल के दौरान भीड़ लेकर थाने पहुंचने के मामले में कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने कानून का सामना करना छोड़कर एक और कानून का उल्लंघन किया है। इस मामले में भी रमन सिंह समेत भीड़ में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए।
विनोद तिवारी ने कहा कि 15 साल सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री को कोरोना काल के प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। अगर वे गलत नहीं है तो उन्हें कानून से भी भय नहीं होना चाहिए। पूर्व सीएम को डर है, इसलिए वे भीड़ लेकर पहुंच गए। वे भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं। एनएसजी जैसी महत्वपूर्ण संस्था की सुरक्षा भी मिली है। डॉ. रमन सिंह की जवाबदारी बनती है कि वे कानून का सम्मान करें।

विनोद तिवारी ने थाने में जुटी भीड़ के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है। तिवारी ने कहा कि भारी मशक्कत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अथक प्रयासों से राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में कोरोना पर काबू पाने में सफलता मिली है। इस तरह भीड़ जुटाना कोरोना काल में काफी घातक हो सकता है। कोरोना का संक्रमण इस तरह की घटनाओं से दोबारा फैल सकता है।
विनोद तिवारी ने पुलिस अधीक्षक अजय यादव से लिखित शिकायत करते हुए रमन सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने कार्यवाही की माँग की है। आवेदन में क़हा गया है कि जाँच अधिकारियों पर दबाव बनाने की नीयत से डा. रमन सिंह द्वारा योजनाबद्ध तरीक़े से थाने में भीड़ इकट्ठी की गई थी। ताकि, जाँच को प्रभावित किया जा सके। दोषियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि पिछले दिनों बिहार में जन अधिकार परिषद के सुप्रीमो पप्पू यादव को लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सांसद राजीव प्रताप रूडी के निवास पर खड़ी एंबुलेंस के मामले का खुलासा करने वाले पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा था कि यादव ने लाकडाउन का उल्लंघन किया है। बाद में एक अन्य मामले में भी यादव की गिरफ्तारी बताई गई। अब उसी तर्ज पर डॉ. रमन सिंह को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार करने की मांग उठ रही है।