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जन्मदिन पर मुक्तिधाम की दशा संवारने की सराहनीय पहल की : बोर खनन कराया, भवन निर्माण की नींव रखी, हरियाली बिखेरने रोपे पौधे

द सीजी न्यूज डॉट कॉम

एमआर ले-आउट प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक मनोज राजपूत ने अपने जन्म दिवस पर दुर्ग में उरला वार्ड के मुक्तिधाम में वृक्षारोपण करते हुए जन्मदिन मनाया। “मानव सेवा परमो धर्मः” को चरितार्थ करते हुए मनोज राजपूत ने आज अपने जन्मदिवस पर उरला मुक्तिधाम की करीब 5 एकड़ भूमि का समतलीकरण कराया और मुक्तिधाम में पानी की सुविधा उपलब्ध कराने तत्काल बोर की व्यवस्था भी कराई। हरियाली और प्रकृति के प्रति सजग भूमिका निभाते हुए मनोज ने मुक्तिधाम में हरियाली युक्त वातावरण तैयार करने पौधरोपण के साथ ही सौंदर्यीकरण के कार्य भी कराए हैं।

कोरोना काल के दौर में लोगों की एक दूसरे के प्रति संवेदनाएं कम हो रही है और शवों को कंधे नहीं मिल रहे थे, उस दौर में मनोज राजपूत ने इंसानियत का धर्म निभाते हुए आगे बढ़कर स्वयं के निजी खर्च में शवों का विधि विधान से, शासन द्वारा निर्देशित कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंतिम संस्कार कराया गया। ट्रैक्टर की व्यवस्था कर मुक्तिधाम में जेसीबी से खुदाई कराते हुए माटी देने की परंपरा निभाई गई। यहां अब तक 70 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। मनोज राजपूत द्वारा उरला मुक्तिधाम में सामान्य बीमारी व कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर गरीब व  जरूरतमंद परिवारों को दाह संस्कार व माटी देने के लिए पिछले एक साल से सहयोग किया जा रहा है।

जन्मदिन के इस खास मौके पर उन्होंने मुक्तिधाम में 25 गुणा 40 फीट जमीन पर भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन करते हुए आधारशिला भी रखी, ताकि यहां परिवार के सदस्य श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। इस मौके पर पार्षद जमुना साहू, बृजलाल पटेल, शंकर ठाकुर, गंगा साहू, जागेश्वर साहू, अशोक साहू सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में दीप प्रज्वलित कर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

मेरा मुझमें कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोर। तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मोर ।।

कबीर के इस दोहे को याद करते हुए मनोज राजपूत ने कहा कि जिस शहर में पल-बढ़ कर मुकाम हासिल किया है। उसी शहर और समाज को कुछ अर्पित करने की चाह में उनके द्वारा एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है। ताकि, अपनी माटी का कर्ज चुका सकूं। मनोज ने कहा कि कोई भी इंसान जन्म से महान पैदा नहीं होता, वह अपनी नेक कार्यों, कर्मठता से समाज में पहचान बनाता है और अपना नाम इस संसार में छोड़ जाता है। हम सभी एक कदम प्रकृति की ओर आगे बढ़ाएं और संकल्प लें कि अपने जन्मदिवस पर पौधा लगाएंगे और प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। इस नेक कार्य में उरला के पूर्व पार्षद के पुत्र गंगा साहू व सिकोला निवासी अशोक साहू हमेशा लोगों की मदद में तत्पर रहते हैं।

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