- बस्तर में वनोपजों के वेल्यू एडिशन में रोजगार की भरपूर संभावना : भूपेश बघेल
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर में बहुमूल्य वनोपजों के वेल्यू एडिशन से रोजगार की भरपूर संभावना है। बस्तर की वनोपजों का वेल्यू एडिशन करने पर रोजगार के लिए बस्तर के युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वनोपजों के वेल्यू एडिशन और उनके व्यापार के जरिए न सिर्फ बस्तर के युवाओं को बल्कि अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी रोजगार और आय के बेहतर साधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
बघेल ने कहा कि बस्तर के आम, इमली और काजू के प्रसंस्करण और वेल्यू एडिशन के बाद इन उत्पादों को देश-विदेश में काफी अधिक दाम पर बेचा जा रहा है। दंतेवाड़ा की डेनेक्स फैक्ट्री में तैयार गारमेंट अब बेंगलूरू में जा रहा है। ये बदलते बस्तर और दंतेवाड़ा की नई तस्वीर है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी अंचल के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में कोण्डागांव और दंतेवाड़ा जिला प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे कार्याें की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे खेत और जंगल हमारी असली ताकत है। अपनी इसी ताकत से हम नवा छत्तीसगढ़ का निर्माण कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कोण्डागांव और दंतेवाडा जिले में 544 करोड़ 86 लाख रुपए के 788 विकास कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन करने के बाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कोण्डागांव जिले को 204.15 करोड़ रुपए के 131 कार्याें और दंतेवाड़ा जिले को 340.71 करोड़ रुपए के 657 विकास कार्याें की सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वेल्यू एडिशन के काम में और सुपोषण अभियान जैसी शासन की विभिन्न योजनाओं में जिन चीजों की आवश्यकता होती है, उनकी आपूर्ति के काम में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए। इससे न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण सामग्री मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और आय के अच्छे साधन भी मिलेेंगे। बघेल ने इस संदर्भ में बस्तर के विभिन्न जिलों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अण्डा उत्पादन और इसकी आपूर्ति मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाडि़यों में करने का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में और स्कूलों के माध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लिए पहले आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से अण्डा मंगाए जाते थे। अब अण्डों की आपूर्ति महिला स्व-सहायता द्वारा मुर्गी पालन के जरिए उत्पादित अण्डों से की जा रही है। बघेल ने कहा कि कोण्डागांव और नगरी का तिखुर प्रसिद्ध था। अब विदेशों में भी छत्तीसगढ़ के तीखुर को पहचान मिलेगी। तिखुर के पेय बनाकर इसकी सप्लाई विदेशों में करने की पहल कोण्डागांव जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इसी तरह बस्तर का अमचुर और काजू पहले ओडिशा के व्यापारी बहुत सस्ते में खरीद कर ले जाते थे। अब इनमें वेल्यू एडिशन कर इन्हें अच्छे दाम में बेचा जा रहा है।
दंतेवाड़ा का अमचुर 70-75 रुपए किलो बिकता था। आज वेल्यू एडिशन के बाद 600 रुपए किलो और बस्तर का काजू 50 से 100 रुपए किलो के स्थान पर वेल्यू एडिशन के बाद 800 रुपए किलो में बेचा जा रहा है। इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोण्डागांव जिले में कुपोषण की दर कम करने में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अच्छी सफलता मिली है। जिले में कुपोषण की दर में 43 प्रतिशत की कमी आई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है। दंतेवाड़ा जिले में भी कुपोषण की दर में 27 प्रतिशत की कमी आई है।
बघेल ने कहा कि नरवा विकास कार्यक्रम से कोण्डागांव में वाटर लेवल लगभग 10 इंच बढ़ा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
बघेल ने कहा कि बस्तर की बहुमूल्य वनोपजों के व्यापार को देश-विदेश में बढ़ाने के लिए इस अंचल के जिलों के कलेक्टर विशेष प्रयास करें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दस आकांक्षी जिले काफी पिछड़े जिले माने जाते हैं। इन जिलों को विकासशील और विकसित जिलों की श्रेणी में लाना हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कोण्डागांव मे 4 करोड 72 लाख रुपए की लागत से बनने वाली कोण्डानार स्पोर्ट्स अकादमी सहित कोण्डानार गारमेंट फैक्ट्री और केशकाल के समीप टाटामारी रिसॉर्ट का भूमिपूजन किया। उन्होंने कोण्डागांव जिले में एरोमेटिक कोण्डानार अभियान का शुभारंभ करने के बाद एरोमेटिक पौधों का रोपण करने वाले हितग्राहियों से चर्चा की। इस मौके पर 10 हजार पौधों के वितरण और रोपण कार्य का शुभारंभ किया। ट्रांसफॉर्मिंग रूरल फाउंडेशन और कोण्डागांव जिला प्रशासन के बीच और एसेंशियल ऑयल उद्योग स्थापित करने के लिए सन फ्लेग एग्रो प्रायवेट लिमिटेड व जिला प्रशासन कोण्डागांव के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री ने उड़ान परियोजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों तिखुर शेक, इमली चटनी व इमली कंन्सट्रेट और 7 प्रकार के अचार उत्पादों व मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की मॉनिटरिंग के लिए तैयार मोबाइल एप नंगत पिला लॉन्च किया। उन्होंने नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री और डेनेक्स अमचुर के वाहन को वर्चुअल रूप से झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा जिले में लघु वनोपज, उद्यानिकी वानिकी और खनिज संसाधनों के प्रसंस्करण हेतु 500 एकड़ भूमि में विकसित किए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्र स्व महेन्द्र कर्मा के नाम पर करने की घोषणा की। बारसुर में 1 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत से निर्मित नवा दंतेवाड़ा गारमेन्ट फैक्ट्री की दूसरी यूनिट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री हारम में उत्पादित लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपए के रेडीमेट कपड़े को बेंगलोर रवाना किया।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री और कोण्डागांव जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री और दंतेवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सांसद दीपक बैज, विधायक मोहन मरकाम, देवती कर्मा, संत कुमार नेताम और चन्दन कश्यप ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में हो रहे विकास कार्याें की सराहना की। मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।