
- पशुपालक अपने पशुओं को खुले में न छोड़े, गौठानों में भेजें
- गौठानों में चारा-पानी का पूरा प्रबंध, बीमारियों से बचाव के लिए पशुओं को टीका जरूर लगवाएं
द सीजी न्यूज डॉट कॉम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुरूप एक जुलाई से अपने-अपने गांवों में रोका-छेका अभियान शुरू करें। उन्होंने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए छोड़ने के बजाय गौठानों में भेजें। वहां चारे-पानी का प्रबंध किया गया है। मुख्यमंत्री ने किसानों और पशुपालकों के नाम अपने संदेश में कहा कि बरसात के दिनों में पशुओं में गलघोटू और एकटंगिया की बीमारी होती है। इससे बचाव के लिए अपने पशुओं को टीका जरूर लगवाएं।
उन्होंने कहा कि राज्य में किसान भाई अपने खेतों में फसल की तैयारी में लग गए हैं। राज्य के जलाशयों और तालाबों में भरपूर पानी उपलब्ध है। किसान भाईयों को खाद-बीज सहकारी समितियों से मिल सके, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी सोसायटियों में रासायनिक उर्वरकों और प्रमाणित बीजों का भण्डारण लगातार किया जा रहा है। राज्य में इस बार दलहनी और तिलहनी फसलों पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इन फसलों का उत्पादन बढ़ने से किसान भाईयों को ज्यादा लाभ मिलेगा।
सीएम ने कहा कि दलहन-तिलहन, अरहर, सोयाबीन, मक्का, गन्ना, कोदा-कुटकी, सुगंधित धान की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। धान के साथ-साथ अन्य प्रमुख खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को भी प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपए की आदान सहायता मिलेगी। बीते खरीफ सीजन में जिन किसानों ने धान की खेती की थी, वे इस बार उसी रकबे में धान के बदले अन्य फसलों का उत्पादन या वृक्षारोपण करेंगे, तो उन्हें प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की आदान सहायता देने का प्रावधान किया है। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को यह आदान सहायता आगामी तीन वर्षों तक मिलेगी।
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