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डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, कॉपर जैसे बहुमूल्य खनिजों के नए क्षेत्रों की खोज में टेक्निकल एक्सपर्ट कम्पनियों का लिया जाएगा सहयोग : मुख्यमंत्री ने दी सहमति

  • डीएमएफ मद से गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर में शेड निर्माण, चारागाह निर्माण, देवगुड़ी और घोटुल निर्माण सहित हाट बाजार क्लिनिक के लिए वाहन की व्यवस्था होगी 
  • रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द करने के निर्देश: ग्राम पंचायतों को 19.20 करोड़ से अधिक राशि होगी वितरित
  • अनुपयोगी खदानों में जमा पानी का सिंचाई के लिए किया जाए उपयोग

 द सीजी न्यूज डॉट कॉम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित किए गए गौठानों की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग किया जाएगा। चारागाह के विकास, गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटरों के लिए शेड निर्माण सहित बस्तर अंचल में देवगुड़ी और घोटुल निर्माण के कार्य भी इस मद से किए जाएंगे। गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां शेड बनने से स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के संचालन में आसानी होगी।

बघेल ने कहा कि ग्रामीण अंचलों के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के लिए वाहनों की व्यवस्था करने में भी इस मद का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में अनुपयोगी खदानों में जहां पानी इकट्ठा है, वहां पंप लगाकर किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जाए। गौण खनिज रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द किया जाए।

पंचायतों को रेत से प्राप्त रायल्टी पर 25 प्रतिशत अधिक रायल्टी देने का प्रावधान है। मार्च 2020 की स्थिति में प्रावधान के अनुसार ग्राम पंचायतों को 19 करोड़ 20 लाख 94 हजार रूपए के वितरण की कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है। बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2021-22 में 18 खनिज ब्लॉक्स नीलामी हेतु प्रस्तावित किए गए हैं। इन खनिज ब्लॉक्स की नीलामी से 6 माह में लगभग 200 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होगी और इन ब्लॉक्स में खनन प्रारंभ होने से प्रतिवर्ष लगभग 1998 करोड़ रुपए का राजस्व प्रदेश को मिलेगा। इन खनिज ब्लॉक्स में 10 लौह अयस्क के और 8 चूना पत्थर के ब्लॉक्स शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बहुमूल्य खनिजों डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, टंगस्टन, बेसमेटल, निकिल, पीजीई मिनरल्स, बाक्साईट और लौह अयस्क के नये खनिज क्षेत्रों का अन्वेषण तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कम्पनियों केे सहयोग से करने के प्रस्ताव को बैठक में सहमति प्रदान की। जिला खनिज संस्थान न्यास की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि डीएमएफ से कार्यो की स्वीकृति और इस मद से व्यय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान है।

राज्य में डीएमएफ निधि की 68 प्रतिशत राशि का व्यय किया गया है, जो पूरे देश में अधिकतम है। डीएमएफ पोर्टल के माध्यम से कार्यो की स्वीकृति, राशि का वितरण और भुगतान करने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2020-21 में डीएमएफ मद में 1464 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। इस वित्तीय वर्ष में माह मई तक 251 करोड़ रूपए की राशि मिली है। डीएमएफ से 7 हजार 9 करोड़ रूपए की लागत के 51 हजार 951 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इन कार्यो में अब तक 4766 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गई है।

बैठक में खनिज ऑनलाईन 2.0 परियोजना के संबंध में जानकारी दी गई कि इस परियोजना में खनिजों के अवैध परिवहन और डायवर्सन पर नियंत्रण के लिए मिनरल्स व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम विकसित किया जाएगा। साथ ही प्रशासकीय नियंत्रण के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। इसके माध्यम से खनिज पट्टाधारकों की सहूलियत के लिए मोबाइल एप और डेस्कटॉप बेस्ट एप्लीकेशन तैयार किया जा रहा है।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, खनिज साधन विभाग के सचिव अंबलगन पी, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, खनिज साधन विभाग के संचालक जय प्रकाश मौर्य उपस्थित थे।

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